नेपाल में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक भव्य आयोजन ललितपुर जिले में आयोजित हुआ, जहां नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री के.पी. शर्मा ओली ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की और अपने प्रभावशाली संबोधन में योग को जीवन की समग्र और वैज्ञानिक पद्धति के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री ओली ने योग को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का स्रोत बताते हुए कहा कि “योग मानवता के लिए भारत की ओर से मिला ऐसा उपहार है जो आज वैश्विक स्तर पर जीवनशैली में परिवर्तन का मार्गदर्शन कर रहा है।”
योग: वैश्विक शांति और व्यक्तिगत कल्याण का सूत्र
प्रधानमंत्री ओली ने अपने भाषण में कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि यह समाज में अनुशासन, शांति और सह-अस्तित्व को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज जब दुनिया अनेक प्रकार के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक तनावों से जूझ रही है, ऐसे में योग एक प्राकृतिक समाधान बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा:
“योग एक ऐसी साधना है, जो आत्मा, मन और शरीर को एकाकार करती है। यह व्यक्तिगत सुख-शांति के साथ-साथ वैश्विक स्थायित्व और सद्भाव का माध्यम है।”
‘समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली’ के राष्ट्रीय लक्ष्य में योग की भूमिका
प्रधानमंत्री ओली ने स्पष्ट किया कि ‘समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली’ की जो राष्ट्रीय परिकल्पना है, उसे साकार करने के लिए स्वस्थ नागरिकों का होना अनिवार्य है। और यह तभी संभव है जब नागरिकों की जीवनशैली में योग, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम जैसे आयाम सम्मिलित हों।
उन्होंने कहा कि योग न केवल बीमारियों को रोकने में मदद करता है, बल्कि यह सकारात्मक सोच, रचनात्मकता और अनुशासन को भी जीवन में लाता है, जो किसी भी राष्ट्र के विकास में अनिवार्य तत्व हैं।
योग के आठ अंगों में ‘अनुशासन’ का विशेष महत्व
प्रधानमंत्री ने योग के आष्टांग (Ashtanga Yoga) सिद्धांत की चर्चा करते हुए उसमें से ‘नियम’ और ‘संयम’ पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि योग का वास्तविक लाभ तभी संभव है जब व्यक्ति अपने आहार, निद्रा, व्यवहार और विचार में संतुलन बनाए रखे।
उन्होंने कहा:
“आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में यदि हम अनुशासन को आत्मसात करें – समय पर उठना, समय पर भोजन, पर्याप्त नींद और नियमित योगाभ्यास – तो हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक शक्ति भी प्राप्त कर सकेंगे।”
स्वस्थ नेपाल अभियान का स्मरण
प्रधानमंत्री ओली ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान प्रारंभ किए गए ‘स्वस्थ नेपाल अभियान’ (Healthy Nepal Campaign) का स्मरण करते हुए कहा कि यह अभियान आज भी प्रासंगिक है और योग जैसे कार्यक्रम उसे सशक्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से सरकार ने स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता, जीवनशैली में सुधार, और बीमारियों की रोकथाम पर बल दिया था।
हृदय स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधि की भूमिका
प्रधानमंत्री ओली ने हृदय संबंधी बीमारियों की बढ़ती समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि आज अधिकांश रोग बैठे-बैठे जीवन बिताने, तनाव, और अनियमित जीवनचर्या के कारण हो रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा:
“योग एक ऐसा व्यायाम है जो बिना किसी उपकरण के, घर बैठे किया जा सकता है और इसका सीधा प्रभाव हमारे हृदय, फेफड़ों और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर व्यक्ति दिन में केवल 30 मिनट भी योग और प्राणायाम करे, तो वह स्वयं ही अपनी हृदय-रक्षा का प्रहरी बन सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग की पहचान
प्रधानमंत्री ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत करने और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाने की ऐतिहासिक उपलब्धि को भी सम्मानपूर्वक स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि यह नेपाल के लिए भी गर्व का विषय है कि हमारी भौगोलिक और सांस्कृतिक निकटता ने हमें भी योग जैसे जीवनमूल्य अपनाने का अवसर दिया है।
कार्यक्रम में व्यापक जन भागीदारी
ललितपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में सरकारी अधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक, सेना और पुलिस बल के जवान, स्कूली छात्र, योग शिक्षक और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय योग संस्थाओं और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से किया गया।
सभी प्रतिभागियों ने मिलकर सामूहिक योगाभ्यास किया, जिसमें सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और ध्यान जैसे प्रमुख योग अभ्यासों को शामिल किया गया।
नवीन पीढ़ी को योग से जोड़ने का आह्वान
प्रधानमंत्री ओली ने युवा वर्ग को योग से जुड़ने की विशेष अपील करते हुए कहा:
“युवाओं के जीवन में यदि योग को नियमित बनाया जाए, तो वे न केवल शारीरिक रूप से फिट होंगे, बल्कि उनके निर्णय लेने की क्षमता, एकाग्रता और आत्मविश्वास भी बेहतर होगा। यही हमारे राष्ट्र का भविष्य है।”
निष्कर्ष: योग – आधुनिक समय में शाश्वत समाधान
प्रधानमंत्री ओली के इस संबोधन और कार्यक्रम के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश गया कि योग अब केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह एक जीवन दर्शन बन चुका है जो राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता और वैश्विक शांति की दिशा में योगदान कर सकता है।
उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 न केवल नेपाल में, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में योग और जीवनशैली सुधार के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करने वाला क्षण बन गया।