महाराष्ट्र के पुणे जिले में जेजुरी-मोरगांव मार्ग पर 18 जून को एक भयावह सड़क दुर्घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एम्बुलेंस सेवाएं तथा ग्रामीण लोग मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।
इस दर्दनाक घटना पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री का यह मानवीय और संवेदनशील कदम संकट की घड़ी में पीड़ित परिवारों के लिए राहत का काम करेगा।
दुर्घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना पुणे जिले के जेजुरी-मोरगांव मार्ग पर हुई, जो कि एक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है और तीर्थ यात्रियों तथा स्थानीय लोगों की आवाजाही का प्रमुख मार्ग माना जाता है। एक मिनीबस, जिसमें करीब 25 यात्री सवार थे, अचानक अनियंत्रित होकर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सुबह 8:30 बजे के करीब हुआ, जब दोनों वाहन मोड़ पर आमने-सामने आ गए। मिनीबस के ड्राइवर के अनुसार, ब्रेक अचानक फेल हो गया था और वह वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका। हादसे में लगभग 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 18 से अधिक घायल हो गए।
राहत और बचाव कार्य
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और बचाव टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को तत्काल जेजुरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पुणे के बड़े अस्पतालों में भेजा गया। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट कर पुणे के ससून जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक (पुणे ग्रामीण) ने बताया कि घटनास्थल पर तत्काल जांच टीमों को तैनात कर दिया गया है और प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संकेत मिला है कि वाहन की तकनीकी खराबी हादसे का प्रमुख कारण हो सकती है। हालांकि, दुर्घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“महाराष्ट्र के पुणे में जेजुरी-मोरगांव मार्ग पर हुए सड़क हादसे में लोगों की मृत्यु से बेहद दुख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO India) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने भी इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए और मृतकों के शवों को उनके परिजनों तक शीघ्रता से पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
मंत्रीमंडल के वरिष्ठ सदस्य तथा पुणे जिले के प्रभारी मंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने संबंधित विभागों को सड़क सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस दुर्घटना की खबर फैलते ही देशभर से संवेदनाएं आने लगीं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस हादसे को दुखद बताते हुए पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तथा शिवसेना (ठाकरे गुट) के उद्धव ठाकरे ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया और सरकार से पीड़ितों को शीघ्र सहायता देने की मांग की।
सामाजिक संगठनों और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं ने घायलों की देखभाल के लिए अस्पतालों में आवश्यक सामग्री और रक्तदान की व्यवस्था भी की है। दुर्घटना के बाद कई स्थानीय लोग भी अस्पतालों में मदद के लिए पहुंचे, जिससे इंसानियत की मिसाल सामने आई।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठा सवाल
यह हादसा एक बार फिर देश में सड़क सुरक्षा की चिंताओं को उजागर करता है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं और लाखों घायल होते हैं। खराब सड़कें, वाहन की तकनीकी खामियां, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी तथा लापरवाह ड्राइविंग इसके मुख्य कारणों में से हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति में सुधार, वाहन फिटनेस की नियमित जांच तथा ड्राइवरों को समय-समय पर प्रशिक्षित करने जैसे उपायों से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। साथ ही, यात्रियों में भी सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
निष्कर्ष
पुणे के जेजुरी-मोरगांव मार्ग पर हुआ यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि देश को सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रयास करने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता की घोषणा ने संकट की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाई है। राज्य सरकार और प्रशासन की तत्परता भी सराहनीय रही है, लेकिन इससे आगे बढ़कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दीर्घकालिक नीति और व्यावहारिक उपायों की सख्त आवश्यकता है।