भारत सरकार ने एक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास को मंजूरी देते हुए पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 — वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2A) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2B) — को स्वीकृति दी गई। यह परियोजना मौजूदा पुणे मेट्रो चरण-1 (वनाज-रामवाड़ी) का रणनीतिक विस्तार है और इससे पुणे के लाखों नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
विस्तार की रूपरेखा: दो गलियारों से शहर को मिलेगी नई रफ्तार
पुणे मेट्रो चरण-2 परियोजना में कुल 12.75 किलोमीटर की एलिवेटेड मेट्रो लाइन का निर्माण होगा, जिसमें दो कॉरिडोर शामिल हैं:
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कॉरिडोर 2A: वनाज से चांदनी चौक तक
कॉरिडोर 2A, जो वनाज से चांदनी चौक तक फैला हुआ है, पश्चिमी पुणे के तेजी से विकसित होते क्षेत्रों को जोड़ता है। वर्तमान में यह क्षेत्र ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और सार्वजनिक परिवहन की असुविधा से ग्रस्त है। लेकिन इस कॉरिडोर के तैयार होने से न केवल इन समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि आईटी प्रोफेशनल्स, छात्रों, और कार्यालय कर्मचारियों को प्रतिदिन के सफर में काफी राहत मिलेगी।
इस खंड में अत्याधुनिक एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक बिछाया जा रहा है, जिसमें यात्री सुविधा के लिए स्मार्ट टिकटिंग, स्वचालित गेट्स, और हर स्टेशन पर लिफ्ट-एस्केलेटर जैसी सुविधाएं होंगी। चांदनी चौक, जो कि पुणे-मुंबई हाईवे से भी जुड़ा है, एक महत्त्वपूर्ण ट्रांजिट हब बनने जा रहा है।
कॉरिडोर 2B: रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी तक
पूर्वी पुणे को जोड़ने वाला कॉरिडोर 2B रामवाड़ी से शुरू होकर वाघोली और विट्ठलवाड़ी तक जाएगा। यह क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट और शैक्षणिक संस्थानों के विकास के कारण घनी आबादी वाला बन चुका है। यहां रोज़ाना हजारों की संख्या में छात्र और कर्मचारी यात्रा करते हैं, जिनके लिए यह कॉरिडोर एक जीवन रेखा जैसा होगा।
यह कॉरिडोर आगे जाकर पुणे एयरपोर्ट और नगर रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों से संपर्क स्थापित करेगा, जिससे यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में भी आसानी होगी। परियोजना का उद्देश्य है कि निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जाए।
इन दोनों कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जो शहर के प्रमुख उपनगरों — जैसे कि चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराड़ी, वाघोली — को आपस में जोड़ेंगे। परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
परियोजना की लागत और वित्तीय साझेदारी
इस विस्तार परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹3626.24 करोड़ रुपये है। इस राशि को तीन भागों में साझा किया जाएगा:
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भारत सरकार
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महाराष्ट्र सरकार
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बाहरी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियाँ
यह सहयोगात्मक वित्तीय ढांचा मेट्रो निर्माण को टिकाऊ और समयबद्ध रूप से संपन्न करने के लिए आवश्यक संसाधन सुनिश्चित करेगा।
सामरिक महत्व: एकीकृत शहरी विकास की दिशा में कदम
पुणे मेट्रो का यह विस्तार केवल एक आधारभूत संरचना परियोजना नहीं है, बल्कि यह व्यापक आवाजाही योजना (Comprehensive Mobility Plan – CMP) का अभिन्न हिस्सा है, जिसका लक्ष्य पुणे में पूर्व-पश्चिम दिशा में सार्वजनिक परिवहन को सुलभ और सतत बनाना है। यह रणनीति शहरी गतिशीलता की चुनौतियों का समाधान करने और तेजी से फैलते पुणे महानगर क्षेत्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
बहुस्तरीय लाभ: शिक्षा, आईटी, उद्योग और आम नागरिक होंगे लाभान्वित
पुणे देश के अग्रणी आईटी और शैक्षणिक हब्स में से एक है। इस विस्तार के माध्यम से शहर के प्रमुख संस्थानों, आईटी पार्कों, व्यावसायिक केंद्रों और रिहायशी इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से निम्नलिखित लाभ होंगे:
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आईटी हब्स जैसे कि खराड़ी, हडपसर, कोथरुड और बावधन को बेहतर संपर्क
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शैक्षणिक संस्थान जैसे कि एफसी रोड, सिम्बायोसिस, एसपी कॉलेज आदि से सरल आवाजाही
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न्यायिक प्रणाली को बल: जिला न्यायालय को मेट्रो के तीन प्रमुख लाइनों से जोड़ा जाएगा
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रोज़ाना के यात्री, कामकाजी वर्ग, छात्र और वृद्धजन को सुलभ यात्रा विकल्प
मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन: एक स्मार्ट सिटी की परिकल्पना साकार
पुणे मेट्रो चरण-2 के ये दोनों नए कॉरिडोर लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-जिला न्यायालय) से जिला न्यायालय इंटरचेंज स्टेशन के माध्यम से जुड़ेंगे। इससे यात्री बिना रुकावट के एक से दूसरी लाइन में स्थानांतरित हो सकेंगे — एक निर्बाध मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम का निर्माण होगा।
इंटरसिटी बस कनेक्टिविटी और रूट डे-कंजेशन
शहर के भीतर ही नहीं, यह मेट्रो नेटवर्क मुंबई, नासिक, और बेंगलुरु जैसे शहरों से आने-जाने वाले यात्रियों को भी बेहतर सुविधा देगा। चांदनी चौक और वाघोली को इंटरसिटी बस स्टेशनों से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्री सीधे मेट्रो से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
इसका प्रत्यक्ष लाभ यह होगा कि:
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पौड रोड, जो वर्तमान में अत्यधिक भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है, वहाँ यातायात का दबाव घटेगा
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नगर रोड, जो एयरपोर्ट और ईस्टर्न बाईपास से जुड़ता है, उस पर भी वाहन भार कम होगा
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प्रदूषण और ट्रैफिक से राहत मिलेगी और लोगों को एक सुरक्षित व तेज़ परिवहन विकल्प मिलेगा
यात्री अनुमान: हर दशक में बढ़ेगा उपयोग
महा-मेट्रो द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार, इस मेट्रो विस्तार के बाद अनुमानित दैनिक सवारियों की संख्या में लगातार वृद्धि होगी:
वर्ष | अनुमानित दैनिक सवारी |
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2027 | 0.96 लाख |
2037 | 2.01 लाख |
2047 | 2.87 लाख |
2057 | 3.49 लाख |
यह वृद्धि न केवल मेट्रो परियोजना की सफलता को दर्शाती है, बल्कि पुणे की बढ़ती आबादी और बदलती यात्रा प्रवृत्तियों की ओर भी संकेत करती है।
कार्यान्वयन एजेंसी: महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो)
इस परियोजना को महा-मेट्रो द्वारा निष्पादित किया जाएगा। यह एजेंसी पहले ही चरण-1 की सफलता में अपनी योग्यता सिद्ध कर चुकी है। इसके तहत:
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सिविल कार्य, जैसे कि पिलर निर्माण, एलिवेटेड स्ट्रक्चर आदि
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इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम, जैसे कि सिग्नलिंग, पावर सप्लाई
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यात्री सूचना प्रणाली का डिज़ाइन और कार्यान्वयन
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निर्माण-पूर्व गतिविधियाँ जैसे स्थलाकृतिक सर्वेक्षण, डिजाइन परामर्श कार्य शुरू हो चुके हैं
पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव
मेट्रो परियोजनाएँ केवल भौतिक कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं होतीं, उनका पर्यावरण और समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। पुणे मेट्रो चरण-2 से:
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ईंधन खपत में कमी होगी, जिससे वायु प्रदूषण घटेगा
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प्राइवेट वाहनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत
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शहरी गरीब तबके को किफायती और सुलभ परिवहन मिलेगा
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महिलाओं की सुरक्षित आवाजाही को बल मिलेगा, विशेषकर देर शाम के समय
स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर प्रभाव
इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा:
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निर्माण कार्यों के दौरान हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार
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स्टेशनों के आस-पास छोटे दुकानदारों और स्थानीय व्यापारियों को लाभ
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रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बढ़ावा
नागरिकों की प्रतिक्रियाएँ: उम्मीद और उत्साह
पुणेवासियों में इस परियोजना को लेकर उत्साह देखा गया। कोथरुड निवासी प्रोफेसर स्वप्निल जोशी कहते हैं:
“यह निर्णय पुणे के भविष्य को बदलने वाला है। मेट्रो से मेरी पत्नी और बच्चों को उनके कॉलेज और ऑफिस पहुंचने में बहुत सुविधा होगी।”
खराड़ी के एक आईटी पेशेवर, प्रियंका देशमुख बताती हैं:
“मैं हर दिन 90 मिनट ट्रैफिक में फंसी रहती हूं। मेट्रो अगर समय पर शुरू हुई, तो हमारी पूरी जीवनशैली बदल जाएगी।”
निष्कर्ष: स्मार्ट पुणे की ओर सशक्त कदम
पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी शहर के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाएगा, बल्कि पुणे को एक स्मार्ट, हरित, और समावेशी शहरी केंद्र में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस परियोजना के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार का यह स्पष्ट संदेश है — “विकास का मार्ग जन-सेवा से होकर गुजरता है।”