
Quick settlement of revenue matters : राजस्व मामलों का त्वरित निस्तारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता: जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी
दिनांक : 23.07.2025 | Koto News | KotoTrust |
जयपुर, 22 जुलाई। जयपुर जिले में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने सभी राजस्व अधिकारियों को लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने राजस्व संबंधी प्रकरणों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों से नियमित न्यायालयीन कार्यवाही, पारस्परिक समन्वय और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया।
बैठक में विशेष रूप से कुर्रेजात, सीमाज्ञान, नामांतरण, पत्थरगढ़ी एवं भू-रूपांतरण जैसे राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिला कलक्टर ने इन मामलों को ‘मिशन मोड’ पर लेकर शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को न्यायालयीन सुनवाई नियमित रूप से संचालित करने और बार तथा बैंच के बीच समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे वर्षों से लंबित वादों का त्वरित समाधान हो सके।
इस दौरान जिला कलक्टर ने अधिकारियों को न केवल जवाबदेही की भावना के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी, बल्कि उन्हें राजस्व न्यायालयों में कार्यशैली सुधारने के लिए नवाचारों पर सुझाव देने का अवसर भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और समयबद्धता, दोनों अनिवार्य हैं। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की सराहना की और अन्य अधिकारियों को इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी।
बैठक में हाल ही में सम्पन्न ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ एवं ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल शिविरों’ की उपखंडवार समीक्षा भी की गई। गौरव प्रोत्साहन योजना’ जैसे कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू करने और इनकी प्रगति की नियमित रिपोर्टिंग के निर्देश दिये।
साथ ही बैठक में प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजनाओं की संतृप्ति ड्राइव की प्रगति पर भी चर्चा हुई। जिला अग्रणी बैंक के सहयोग से चल रहे इस अभियान में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना एवं अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये गए। जिला कलक्टर ने अधिकारियों को इन योजनाओं को पंचायत स्तर तक पहुँचाने एवं जागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये।
राजस्व अधिकारियों को पेंशन संबंधी प्रकरणों का त्वरित समाधान करने के लिए भी निर्देशित किया गया। साथ ही, उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। इसके लिए क्षेत्रीय निरीक्षण, रात्रि चौपालों और स्थानीय जनसुनवाई को नियमित रूप से संचालित करने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो जाए, तो आमजन का शासन पर विश्वास और सुदृढ़ होगा।
बैठक में यह स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि कुर्रेजात, सीमाज्ञान, नामांतरण, पत्थरगढ़ी, भू-रूपांतरण जैसे राजस्व मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। सभी उपखण्ड एवं तहसील स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे इन प्रकरणों को “मिशन मोड” में लेकर कार्य करें, ताकि वर्षों से लंबित वादों से आमजन को शीघ्र राहत मिल सके। निस्तारण की समय-सीमा सुनिश्चित की जाए एवं अनावश्यक देरी न हो।
जिला कलक्टर ने राजस्व अधिकारियों को न्यायालयों में नियमित रूप से उपस्थित रहकर सुनवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने बार और बैंच के बीच समन्वय स्थापित करने को भी अनिवार्य बताया, जिससे सुनवाई बाधित न हो और न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनी रहे। पुराने मामलों को प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र निर्णय देने की अपेक्षा जताई गई।
‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’, ‘पंच गौरव प्रोत्साहन योजना’ और ‘नरेगा आखर’ जैसे महत्त्वपूर्ण जनकल्याणकारी अभियानों को प्रभावी ढंग से धरातल पर लागू करने के निर्देश दिये गए। प्रत्येक अधिकारी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि इन योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुँचे। साथ ही योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट उपखण्ड स्तर पर संकलित की जाए।
जिला अग्रणी बैंक के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, एवं अटल पेंशन योजना के अंतर्गत संतृप्ति ड्राइव चलाने पर बल दिया गया। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचकर शिविर लगाएं और पात्र नागरिकों को योजनाओं से जोड़ने हेतु व्यक्तिगत संपर्क करें।
सभी राजस्व अधिकारियों को वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन से संबंधित लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि कोई भी पात्र नागरिक योजना से वंचित न रह जाए। पात्रता जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी व सरल बनाया जाए और पात्र लोगों का नाम तुरंत पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
कलक्टर ने कहा कि रात्रि चौपाल और नियमित क्षेत्रीय निरीक्षण के माध्यम से आमजन की समस्याएं स्थल पर ही सुनी जाएं और त्वरित समाधान किया जाए। अधिकारियों को जनसुनवाई को केवल औपचारिकता न मानते हुए, उसकी गुणवत्ता व परिणाम पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया। जन सहभागिता के साथ चलने वाली चौपालें शासन की छवि को सशक्त बनाती हैं।
राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की निगरानी और समाधान को त्वरित व प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि शिकायतों की स्थिति की नियमित समीक्षा करें, समाधान रिपोर्ट समय पर अपडेट करें, और लंबित परिवादों की संख्या में हर माह गिरावट लाने के लिए विशेष प्रयास करें। सभी समाधान टाइमबाउंड होने चाहिए।
Source :DIPR
1. यह बैठक कब और कहाँ आयोजित हुई?
उत्तर:
यह समीक्षा बैठक 22 जुलाई को जयपुर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने की।
2. बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित राजस्व प्रकरणों का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करना, जन कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और प्रशासनिक पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ावा देना था।
3. किन प्रमुख राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की गई?
उत्तर:
बैठक में विशेष रूप से निम्नलिखित मामलों की समीक्षा की गई:
-
कुर्रेजात
-
सीमाज्ञान
-
नामांतरण
-
पत्थरगढ़ी
-
भू-रूपांतरण
इन सभी को “मिशन मोड” में शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिये गए।
4. न्यायालयीन कार्यवाही को लेकर क्या निर्देश दिये गये?
उत्तर:
राजस्व अधिकारियों को नियमित रूप से न्यायालयों में सुनवाई करने, पुराने मामलों को प्राथमिकता देने, तथा बार और बैंच के बीच समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गए, जिससे निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आए।
5. जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा में किन योजनाओं पर जोर दिया गया?
उत्तर:
बैठक में निम्नलिखित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई:
-
वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान
-
नरेगा आखर योजना
-
पंच गौरव प्रोत्साहन योजना
इनका स्थानीय स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए।