सामाजिक न्याय मंत्रालय में सचिव अमित यादव ने किया निरीक्षण
सम्पादक : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (Department of Social Justice & Empowerment – DoSJE) के सचिव श्री अमित यादव ने 30 सितंबर 2025 को मंत्रालय के सभी अनुभागों का विस्तृत निरीक्षण किया। यह दौरा ‘विशेष अभियान 5.0’ के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य सरकारी दफ्तरों में स्वच्छता, दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर सचिव ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर विभाग के प्रत्येक अनुभाग की कार्यप्रणाली, रिकॉर्ड प्रबंधन और साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यालयों में जमा बेकार कागज, अप्रयुक्त फोल्डर, पुराने डिस्पेंसर, ई-कचरा और अन्य अनुपयोगी वस्तुओं को तत्काल हटाया जाए ताकि कार्यक्षेत्र सुव्यवस्थित और स्वच्छ बना रहे। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में दक्षता तभी बढ़ेगी जब कार्यस्थल स्वच्छ, सुसंगठित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होगा।
श्री यादव ने निरीक्षण के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि सभी अनुभाग केंद्र सरकार के रिकॉर्ड प्रबंधन संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समय-समय पर रिकॉर्डिंग, समीक्षा और छंटाई (weeding out) की प्रक्रिया अपनाना जरूरी है, ताकि पुराने और अप्रासंगिक दस्तावेजों से दफ्तरों पर बोझ न बढ़े। सचिव ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि प्रत्येक अनुभाग अपनी फ़ाइलों और रजिस्टरों को डिजिटाइज़ करने की दिशा में कदम बढ़ाए, जिससे ‘पेपरलेस ऑफिस’ की दिशा में मंत्रालय तेजी से अग्रसर हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि “अच्छा प्रशासन वही है जो न केवल कार्य कुशल हो, बल्कि कार्यस्थल पर अनुशासन, स्वच्छता और व्यवस्था का भी उदाहरण प्रस्तुत करे।”
अभियान के प्रारंभिक चरण में, विभाग ने निर्धारित मानदंडों के अनुरूप लक्ष्यों की पहचान कर ली है। इन लक्ष्यों को SCDPM पोर्टल (Special Campaign Dashboard for Progress Monitoring) पर अपलोड कर दिया गया है, जिससे उनकी निरंतर निगरानी की जा सके। मंत्रालय का उद्देश्य केवल साफ-सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्व सृजन (Revenue Generation) और कार्यालय स्थान का बेहतर उपयोग भी इस पहल का प्रमुख हिस्सा है।
इसके लिए विभाग ने अनुपयोगी सामग्री की पहचान और निस्तारण को प्राथमिकता दी है। मंत्रालय का मानना है कि पुराने और बेकार उपकरणों के निष्पादन से न केवल स्थान खाली होगा, बल्कि सरकारी संपत्तियों का बेहतर उपयोग और राजस्व वृद्धि भी संभव होगी।
अभियान के एक हिस्से के रूप में, संयुक्त सचिव (प्रशासन) के नेतृत्व में शास्त्री भवन, नई दिल्ली स्थित कार्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी दोनों सक्रिय रूप से परिसर की सफाई में शामिल रहे। कार्यालय के गलियारों, पार्किंग क्षेत्रों और रिकॉर्ड कक्षों से कूड़ा-कचरा, टूटी फर्नीचर सामग्री और पुरानी फाइलें हटाई गईं।
अभियान का उद्देश्य केवल सफाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे कर्मचारियों में ‘स्वच्छ कार्य संस्कृति’ के प्रति जागरूकता भी बढ़ी। अधिकारियों ने यह संदेश दिया कि “स्वच्छ कार्यालय, प्रभावी शासन का प्रतीक है।”
श्री यादव ने सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को एक दिन की गतिविधि नहीं बल्कि सतत आदत बनाएं। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य केवल स्वच्छता नहीं, बल्कि दक्षता, पारदर्शिता और सकारात्मक वातावरण का निर्माण है।
स्वच्छता, दक्षता एवं पारदर्शिता को सुदृढ़ करना
विशेष अभियान 5.0 का प्रमुख उद्देश्य केवल कार्यालय परिसरों की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक प्रशासनिक सुधार अभियान है।
और शासन तंत्र में पारदर्शिता (Transparency) को संस्थागत स्वरूप देना।
सरकार का मानना है कि एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित कार्यस्थल न केवल कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाता है, बल्कि जनता के साथ संवाद और सेवा वितरण की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है।
इस अभियान के माध्यम से मंत्रालयों को यह प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने कार्यालय परिसरों, फाइल रिकॉर्ड, भंडारण कक्षों और ई-रिकॉर्ड सिस्टम में सुधार और सरलीकरण करें।
रिकॉर्ड प्रबंधन, ई-कचरा निस्तारण और स्थान का उपयोग
अभियान का प्रमुख फोकस चार मुख्य आयामों पर केंद्रित है —
सरकारी कार्यालयों में वर्षों से संचित फाइलों और दस्तावेजों की समीक्षा, छंटाई और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है।
इसके तहत पुराने, अप्रासंगिक और उपयोगहीन रिकॉर्ड्स की पहचान कर उन्हें निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘weeding out’ किया जा रहा है। इससे न केवल कार्यस्थल पर अव्यवस्था घटेगी, बल्कि डिजिटल शासन की दिशा में कदम और सुदृढ़ होंगे।
सरकारी कार्यालयों में वर्षों से पड़े पुराने कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, टेलीफोन सेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का पर्यावरण-अनुकूल निस्तारण भी इस अभियान का हिस्सा है।
ई-कचरे के उचित निपटान से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और कार्यस्थल स्वच्छ रहेगा।
अनेक मंत्रालयों में ऐसे उपकरण, फर्नीचर और सामग्री वर्षों से पड़ी रहती है जिनका कोई उपयोग नहीं होता।
इन वस्तुओं की पहचान कर सरकारी नीलामी प्रणाली (Government e-Auction platforms) के माध्यम से निस्तारण किया जा रहा है, जिससे राजस्व सृजन (Revenue Generation) के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
पुराने रिकॉर्ड्स और बेकार सामग्री के हटने से कार्यालय परिसरों में काफी जगह खाली हो रही है।
इस स्थान का उपयोग अब कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल, मीटिंग रूम, प्रशिक्षण कक्ष या वेलनेस ज़ोन विकसित करने में किया जा रहा है।
इससे न केवल कार्यस्थल का सौंदर्य बढ़ रहा है, बल्कि कर्मचारियों की कार्य संतुष्टि भी बढ़ रही है।
“विशेष अभियान 5.0” की कार्यावधि सितंबर से अक्टूबर 2025 तक निर्धारित की गई है।
इस दौरान प्रत्येक मंत्रालय को अपने लक्ष्यों की पहचान कर उन्हें ऑनलाइन SCDPM पोर्टल (Special Campaign Dashboard for Progress Monitoring) पर अपलोड करना आवश्यक है।
अभियान की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक विभाग अपने निर्धारित लक्ष्यों की ओर समयबद्ध प्रगति कर रहा है।
अभियान की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म — SCDPM पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा अपने-अपने लक्ष्यों, उपलब्धियों और फोटो/वीडियो साक्ष्यों को नियमित रूप से अपलोड किया जाता है। यह पोर्टल रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान करता है और इससे उच्च स्तर पर अभियान की प्रगति की निगरानी आसान हो जाती है।
स्वच्छ, सुसंगठित और सुव्यवस्थित दफ्तर कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि करते हैं। इससे एक सकारात्मक कार्य संस्कृति विकसित होती है। अनुपयोगी वस्तुओं के निस्तारण से प्राप्त राशि राजस्व के रूप में सरकारी खजाने को सुदृढ़ बनाती है। कूड़ा, बेकार सामग्री और पुरानी वस्तुओं के हटने से कार्यालय परिसरों की स्वच्छता और सौंदर्य दोनों में सुधार हुआ है फाइलों के डिजिटलीकरण और ई-ऑफिस सिस्टम के उपयोग से कागज की खपत घट रही है और सरकारी कामकाज अधिक तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बन रहा है। अभियान ने कर्मचारियों में यह भावना पैदा की है कि स्वच्छता और अनुशासन केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी हैं।
Source : PIB | रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)