संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | कोयला मंत्रालय के अधीन आने वाली कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भारत के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाते हुए “स्वच्छता ही सेवा 2025” अभियान की शुरुआत की। इस पहल का शुभारंभ बीसीसीएल के निदेशक (मानव संसाधन) श्री एम.के. रामैया ने धनबाद स्थित मुख्यालय कोयला नगर में किया। उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को स्वच्छता शपथ दिलाकर इस विशेष अभियान की नींव रखी। यह शपथ केवल स्वच्छता को कर्तव्य मानने का संकल्प नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का प्रतीक बनी। बीसीसीएल ने इस अभियान के तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए। इनमें श्रमदान, “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण, सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण, सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य शिविर और स्वच्छता रंगोली प्रतियोगिताएँ प्रमुख रहीं। इन गतिविधियों में न केवल कंपनी के कर्मचारी बल्कि उनके परिजन, स्कूली विद्यार्थी और स्थानीय समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस उत्साहपूर्ण भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि स्वच्छता अब किसी आयोजन तक सीमित नहीं बल्कि सामूहिक आदत बन रही है बीसीसीएल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” को ध्यान में रखते हुए धनबाद और आसपास के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में व्यापक स्वच्छता और जागरूकता अभियान चलाए। इन अभियानों में नालियों और सड़कों की सफाई, प्लास्टिक अपशिष्ट के संग्रहण तथा सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर और बैनर के माध्यम से जन-जागरूकता गतिविधियाँ शामिल थीं। इस दौरान नागरिकों को न केवल स्वच्छता का महत्व बताया गया, बल्कि उन्हें यह भी समझाया गया कि साफ-सफाई सीधे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी है।
कोयला नगर स्थित बीसीसीएल मुख्यालय परिसर में “स्वच्छता की पाठशाला” नामक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को आमंत्रित कर उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का अग्रदूत बनने का संदेश दिया गया। बच्चों को प्रेरित किया गया कि वे घर, स्कूल और समाज में स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाएँ। इस पहल ने भावी पीढ़ी को स्वच्छता के महत्व से जोड़ने का काम किया। अभियान को व्यापक बनाने के लिए बीसीसीएल ने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का भी सहारा लिया। फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनलों पर निरंतर सामग्री साझा की जा रही है। इसके अलावा, कंपनी के आंतरिक पोर्टल और ई-न्यूज़लेटर के माध्यम से कर्मचारियों को अभियान में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित किया गया। यह पहल इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक संचार माध्यमों का उपयोग करके स्वच्छता संदेश को स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया जा सकता है। बीसीसीएल के निदेशक (मानव संसाधन) श्री एम.के. रामैया ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वच्छता केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का तरीका है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने कोयला उत्पादन कार्यों के साथ-साथ सतत विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस अभियान से न केवल कर्मचारियों की मानसिकता बदली है, बल्कि समाज के साथ एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट इकाई के रूप में कंपनी की पहचान और भी सुदृढ़ हुई है। एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत बीसीसीएल द्वारा बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया। कर्मचारियों और उनके परिवारों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर इस पहल को भावनात्मक जुड़ाव के साथ जोड़ा। यह पहल केवल हरित आवरण को बढ़ाने का प्रयास नहीं, बल्कि प्रकृति और मातृ शक्ति दोनों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अनूठा तरीका भी है।
सफाई कर्मचारियों के लिए आयोजित स्वास्थ्य शिविर ने अभियान को और अधिक मानवीय आयाम दिया। कोल इंडिया के चिकित्सकों और पारा-चिकित्सकों ने सफाईकर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें स्वच्छता संबंधी सावधानियों की जानकारी दी। इससे यह संदेश गया कि स्वच्छ भारत मिशन में जो लोग अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहे हैं, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है। बीसीसीएल ने रंगोली प्रतियोगिता जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी स्वच्छता के संदेश को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने रंग-बिरंगी रंगोलियों में स्वच्छ भारत मिशन, प्लास्टिक मुक्त समाज, और हरित पर्यावरण जैसे विषयों को जीवंत किया। इसने अभियान को केवल औपचारिक गतिविधि से आगे बढ़ाकर सांस्कृतिक उत्सव का रूप प्रदान किया बीसीसीएल के इस सतत प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की अग्रणी सहयोगी बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। एक जिम्मेदार व टिकाऊ खनन कंपनी के रूप में बीसीसीएल ने यह साबित कर दिया है कि सतत विकास और स्वच्छता साथ-साथ चल सकते हैं।
स्वच्छता ही सेवा 2025: बीसीसीएल की अनूठी पहलें
स्वच्छ भारत मिशन को जनआंदोलन बनाने और स्वच्छता को जीवनशैली में उतारने की दिशा में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने इस वर्ष भी कई उल्लेखनीय गतिविधियाँ शुरू कीं। इन पहलों ने न केवल कर्मचारियों बल्कि स्थानीय समुदायों और विद्यार्थियों को भी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
स्वच्छता शपथ – सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने ली शपथ
अभियान की शुरुआत स्वच्छता शपथ से हुई।
बीसीसीएल के निदेशक (मानव संसाधन) ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को शपथ दिलाई कि वे केवल अपने कार्यस्थल ही नहीं बल्कि अपने घर, आसपास और समाज में भी स्वच्छता बनाए रखने में योगदान देंगे।
यह शपथ एक औपचारिक अनुष्ठान से आगे बढ़कर एक सामूहिक संकल्प का प्रतीक बनी।
जब हजारों लोग एक साथ यह दोहराते हैं कि “स्वच्छता केवल कर्तव्य ही नहीं बल्कि राष्ट्र सेवा भी है”, तो यह संदेश बहुत गहरी छाप छोड़ता है।
श्रमदान अभियान – धनबाद व आसपास के सार्वजनिक स्थलों पर सफाई
शपथ के बाद बीसीसीएल ने श्रमदान अभियान को साकार रूप दिया।
धनबाद और आसपास के सार्वजनिक स्थलों जैसे बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, बाजार और पार्कों में कर्मचारियों ने श्रमदान करके सफाई की।
अधिकारियों और सामान्य कर्मचारियों के एक साथ झाड़ू उठाने और कचरा उठाने की तस्वीरों ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्वच्छता केवल किसी एक वर्ग की जिम्मेदारी नहीं बल्कि सबकी साझी जिम्मेदारी है।
इस अभियान में आम नागरिक भी जुड़ गए और कई परिवार अपने बच्चों के साथ श्रमदान करने पहुंचे।
इस तरह बीसीसीएल का यह प्रयास केवल सफाई तक सीमित न रहकर सामाजिक सहभागिता का उदाहरण बन गया।
एक पेड़ मां के नाम – पौधारोपण अभियान
स्वच्छता को हरित भविष्य से जोड़ते हुए बीसीसीएल ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान शुरू किया।
इस पहल के तहत कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाए।
हर पौधे से एक भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया गया, जिससे लोग केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहें बल्कि उनकी देखभाल भी पूरे समर्पण से करें।
बीसीसीएल ने ऐसे पौधों का चयन किया जो स्थानीय पारिस्थितिकी और समाज के लिए उपयोगी हों, जैसे फलदार, औषधीय और छायादार वृक्ष।
यह पहल पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व के सम्मान का अद्भुत संगम साबित हुई।
स्वास्थ्य शिविर – सफाईकर्मियों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच
स्वच्छता अभियान के दौरान बीसीसीएल ने यह भी महसूस किया कि सफाईकर्मी, जो समाज को स्वच्छ रखते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
इसी सोच के तहत विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
इन शिविरों में सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच, रक्तचाप और शुगर की जांच, टीकाकरण तथा परामर्श दिया गया।
इस पहल ने न केवल सफाईकर्मियों का मनोबल बढ़ाया बल्कि उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनकी मेहनत और त्याग की कद्र की जाती है।
बीसीसीएल ने इस अवसर पर यह संदेश दिया कि स्वच्छता सैनिक वास्तव में समाज के अनकहे नायक हैं।
स्वच्छता रंगोली प्रतियोगिता – संस्कृति के माध्यम से संदेश
अभियान को रचनात्मक और आकर्षक बनाने के लिए स्वच्छता रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
स्कूलों और कॉलोनियों में महिलाओं और बच्चों ने रंग-बिरंगी रंगोलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया।
रंगोली जैसे पारंपरिक कला रूप को स्वच्छता अभियान से जोड़ना, इस पहल को सांस्कृतिक उत्सव का रूप दे गया।
इन रंगोलियों में “स्वच्छ भारत”, “हरित भारत” और “एक कदम स्वच्छता की ओर” जैसे संदेश कलात्मक रूप से उकेरे गए।
प्रतियोगिता ने यह साबित किया कि स्वच्छता केवल कर्तव्य ही नहीं, बल्कि जीवन की सुंदरता और संस्कृति का हिस्सा भी है।
स्वच्छता की पाठशाला – विद्यार्थियों को बनाया अभियान का दूत
बीसीसीएल ने भविष्य की पीढ़ी को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए “स्वच्छता की पाठशाला” नामक कार्यक्रम शुरू किया।
स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित किए गए जहाँ विद्यार्थियों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
बच्चों ने न केवल स्वच्छ रहने का संकल्प लिया बल्कि यह वादा भी किया कि वे अपने घर, मोहल्ले और स्कूल में स्वच्छता का संदेश फैलाएँगे।
इस पहल ने विद्यार्थियों को स्वच्छ भारत मिशन का दूत बना दिया।
भविष्य की यह पीढ़ी जब छोटी उम्र से स्वच्छता की आदतें सीखती है, तो वह पूरे समाज में दीर्घकालीन परिवर्तन का आधार बन जाती है।
डिजिटल प्रचार – सोशल मीडिया और ई-प्लेटफ़ॉर्म पर जागरूकता
आज के डिजिटल युग में बीसीसीएल ने अभियान की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए सोशल मीडिया और ई-प्लेटफ़ॉर्म का सहारा लिया।
ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अभियान की झलकियां, वीडियो और संदेश साझा किए गए।
डिजिटल माध्यमों ने न केवल कर्मचारियों बल्कि दूर-दराज़ के लोगों को भी इस पहल से जोड़ने का कार्य किया।
Source : PIB | रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

