सम्पादक : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | नेपाल निषाद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र सहनी निषाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने समाजसेवी स्वर्गीय शिवनाथ निषाद पुत्र स्वर्गीय हरिराम निषाद के असमय निधन (2082/06/16 गते) पर उनके निवास स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष जीवन सहनी निषाद, राजू सहनी निषाद (सदस्य) तथा अनरुध सहनी निषाद (सदस्य) शामिल रहे। प्रतिनिधि मंडल ने स्वर्गीय निषाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने निषाद समाज के उत्थान में अमूल्य भूमिका निभाई।
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का जीवन परिचय और योगदान
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद एक प्रसिद्ध समाजसेवी थे जिन्होंने अपने जीवन के करीब 15 वर्ष तक निषाद संघ के सचिव के रूप में निःस्वार्थ सेवा दी। समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को निषाद समाज कभी नहीं भुला सकेगा। वे हाई स्कूल तक शिक्षित थे, परंतु उनकी समाजसेवा की भावना शिक्षा की सीमाओं से कहीं आगे थी। अपने क्षेत्र में उन्होंने शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और एकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।
सूत्रों के अनुसार, वे दिन-रात 24×7 घंटे समाज के कार्यों में सक्रिय रहते थे। चाहे किसी गरीब निषाद परिवार की मदद हो, समाज के युवाओं को संगठित करना हो या शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलानी हो — स्वर्गीय शिवनाथ निषाद हमेशा अग्रिम पंक्ति में देखे जाते थे।।
श्रद्धांजलि सभा और प्रतिनिधि मंडल का वक्तव्य
श्रद्धांजलि सभा के दौरान नेपाल निषाद परिषद के लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष जिवन सहनी निषाद ने कहा कि “स्वर्गीय शिवनाथ निषाद ने समाज के लिए जो कार्य किए, वे निषाद समाज के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे। उन्होंने संगठन की जड़ों को मजबूत किया और समाज को एकता का संदेश दिया। हम सब उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।
ग्नेरामीणों ने कहा कि “आज निषाद समाज ने एक सच्चा कर्मयोगी खो दिया है। वे हमारे लिए सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि मार्गदर्शक थे।
सदस्य राजू सहनी निषाद ने कहा कि “उनकी निष्ठा और सादगी हम सबके लिए प्रेरणा है।” वहीं अनरुध सहनी निषाद ने कहा कि “स्वर्गीय शिवनाथ जी ने हर परिस्थिति में समाज के लिए काम किया — उनका जीवन समाज सेवा का पाठ है। सभा में उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
समाज की प्रतिक्रियाएँ और आगे की योजना
नेपाल निषाद परिषद ने घोषणा की कि स्वर्गीय शिवनाथ निषाद के नाम से एक स्मृति सम्मान समारोह प्रतिवर्ष आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाजसेवा में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा।
परिषद के वरिष्ठ सदस्य अनरुध सहनी निषाद ने कहा कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि शिवनाथ जी की सामाजिक सोच और आदर्श आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे। समाज के हर व्यक्ति को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।”
समाज पर प्रभाव और निषाद आंदोलन में योगदान
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का जीवन निषाद समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा। उन्होंने न केवल स्थानीय स्तर पर संगठनात्मक मजबूती प्रदान की, बल्कि समाज के युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सामाजिक सम्मान की दिशा में भी प्रेरित किया।
वे समाज में भेदभाव, अशिक्षा और बेरोजगारी के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहे। उनके नेतृत्व में कई सामाजिक अभियानों की शुरुआत हुई, जिसने निषाद समुदाय के आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयाँ दीं।
उनके सहयोगी बताते हैं कि वे समाज के हर व्यक्ति को “भाईचारा” के सूत्र में बांधने में विश्वास रखते थे। उनका कहना था कि “अगर निषाद समाज को आगे बढ़ाना है, तो पहले हमें एक-दूसरे से भेदभाव खत्म करना होगा।”
स्थानीय राजनीतिक वर्ग की प्रतिक्रिया
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि “शिवनाथ जी की समाजसेवा ने पूरे क्षेत्र को नई दिशा दी। वे हमेशा जनहित के मुद्दों पर सक्रिय रहे।
वहीं, निषाद परिषद के अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि “उनका जाना हम सबके लिए व्यक्तिगत क्षति है।
कई राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा — “स्वर्गीय शिवनाथ निषाद सादगी, सेवा और समर्पण के प्रतीक थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम का समापन और भावनात्मक पल
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने श्रद्धांजलि दी। वातावरण में गहरा सन्नाटा और भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा।
परिवार के सदस्यों की आंखों में आंसू और समाज के लोगों के चेहरों पर गम का भाव स्पष्ट झलक रहा था।
सभा के अंत में निषाद परिषद के कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे शिवनाथ जी के अधूरे मिशन — “शिक्षित, संगठित और सशक्त निषाद समाज” — को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
शिक्षा
हाई स्कूल स्तर तक शिक्षित, परंतु जीवन के अनुभव और समाज की समझ उन्हें किसी विश्वविद्यालय से भी बड़ी डिग्री प्रदान कर चुकी थी। उन्होंने यह साबित किया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होती, बल्कि समाज की सेवा और अनुभव से भी ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
पेशा / पहचान
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का मुख्य परिचय “समाजसेवी” के रूप में था। वे निषाद संघ के पूर्व सचिव के रूप में लगभग 15 वर्षों तक समाज की सेवा करते रहे। इस अवधि में उन्होंने निषाद समाज के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया, अनेक सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन किया और समाज के युवाओं को शिक्षा तथा एकता के मार्ग पर प्रेरित किया।
उनका कार्यक्षेत्र किसी दफ्तर या संस्था की दीवारों तक सीमित नहीं था — वे गांव-गांव जाकर समाज की समस्याओं को सुनते, हल निकालते और समाज के लोगों में आत्मबल का संचार करते।
सेवा अवधि
लगभग 15 वर्ष का यह सेवा काल, समाज के लिए “स्वर्णिम अध्याय” साबित हुआ।
उन्होंने इस दौरान शिक्षा, सामाजिक न्याय, आर्थिक सशक्तिकरण और संगठन के क्षेत्रों में कई छोटे-बड़े प्रयास किए।
उनके नेतृत्व में निषाद संघ न केवल सक्रिय हुआ बल्कि जनमानस में एक नई पहचान के साथ उभरा।
पता
ओम सतिया वार्ड नं. 4, बसंतपुर, रुपन्देही जिला, लुम्बिनी प्रदेश, नेपाल।
यह वही भूमि है जहां से उन्होंने समाजसेवा की यात्रा शुरू की और अपने कर्मों से पूरे प्रदेश में प्रेरणा का स्रोत बने।
बसंतपुर क्षेत्र के लोग आज भी उन्हें “शिवनाथ दाइ” के नाम से आदरपूर्वक याद करते हैं। वे हर व्यक्ति से प्रेम, समानता और सहयोग की भावना से मिलते थे। उनका घर हर जरूरतमंद के लिए खुला रहता था — चाहे किसी को सलाह चाहिए हो या सहायता।
प्रमुख योगदान
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का जीवन समाज उत्थान के मिशन के लिए समर्पित रहा।
उनके प्रमुख योगदानों में निम्न बातें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं —
शिक्षा के प्रति जागरूकता:
उन्होंने समाज के बच्चों को शिक्षित करने के लिए अभियान चलाया। गांव-गांव जाकर माता-पिता को समझाते कि “शिक्षा ही गरीबी और पिछड़ेपन से मुक्ति का एकमात्र रास्ता है।”
संगठन की मजबूती
निषाद संघ के सचिव रहते हुए उन्होंने संगठन को गांव-स्तर तक सक्रिय किया। वे मानते थे कि “एकता में ही शक्ति है” — और यही उनका जीवन-मंत्र था।
सामाजिक एकता और समरसता
उन्होंने समाज में जातीय, वर्गीय या आर्थिक भेदभाव को दूर करने का प्रयास किया। वे कहते थे — “समाज तभी प्रगति करेगा जब हर व्यक्ति को समान सम्मान मिलेगा।”
निषाद समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष
उन्होंने निषाद समाज को राजनीतिक और सामाजिक मुख्यधारा में लाने के लिए अनवरत प्रयास किया। कई बार उन्होंने सरकारी स्तर पर प्रतिनिधित्व किया और समाज की आवाज़ प्रशासन तक पहुँचाई।
युवाओं को नेतृत्व की दिशा देना
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का विशेष ध्यान युवाओं पर रहता था। वे उन्हें शिक्षा, संगठन और सेवा के लिए प्रेरित करते। उन्होंने अनेक युवा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जो आज समाज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
समाज में पहचान और आदर
स्वर्गीय शिवनाथ निषाद का नाम लुम्बिनी प्रदेश ही नहीं बल्कि नेपाल के विभिन्न जिलों में समाजसेवा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
उनका जीवन बेहद सादा था — सादगी उनकी पहचान थी, और ईमानदारी उनका आभूषण।
वे हर वर्ग के व्यक्ति से मिलते और सभी को समान दृष्टि से देखते। उनकी मुस्कान और संवाद शैली लोगों के दिलों को छू जाती थी।
Source : PIB | रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

