भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में मात्र सतही सुधार नहीं, बल्कि “क्वांटम बदलाव” (Quantum Change) आया है, जिसने भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है।
मर्चेंट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सत्र को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने देश की आर्थिक स्थिति, सरकार की रणनीतियों और भारत के उज्जवल भविष्य को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत, वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद, 2027 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर मजबूती से अग्रसर है।
सेवा, सुशासन और नवाचार की नींव पर विकसित भारत
मंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार का फोकस “केवल वृद्धि” नहीं, बल्कि भारतीय परिप्रेक्ष्य के अनुसार संतुलित, चरणबद्ध और सतत विकास पर है। सरकार की नीतियाँ तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैं:
- सेवा (Seva) – जनता के लिए निस्वार्थ और समर्पित कार्य
- सुशासन (Good Governance) – पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन
- नवाचार (Innovation) – आधुनिक तकनीक और सोच का उपयोग
उन्होंने कहा कि ये तीन स्तंभ मोदी सरकार की कार्यप्रणाली के केंद्र में हैं, और इसी आधार पर देश ‘विकसित भारत 2047’ की ओर अग्रसर है। ये तीनों सिद्धांत नीतिगत सोच के केंद्र में रखे गए हैं, जिसके फलस्वरूप देश ने वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद भी निरंतर प्रगति की है।
फ्रैजाइल फाइव से टॉप फाइव तक का सफर
श्री गोयल ने भारत की आर्थिक यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब भारत को वैश्विक आर्थिक समुदाय में “Fragile Five” (कमजोर अर्थव्यवस्थाओं) के रूप में देखा जाता था। लेकिन आज भारत शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। यह केवल अर्थशास्त्रीय वृद्धि का संकेत नहीं, बल्कि नीति, कूटनीति और जनसहभागिता के समन्वय का प्रमाण है।
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व, नीतिगत स्थिरता, वैश्विक निवेशकों का भरोसा और भारतीय जनता की मेहनत को श्रेय दिया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत अब केवल एक “उभरती” नहीं बल्कि “निर्धारक” अर्थव्यवस्था बन गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार और बैंकिंग सेक्टर की मजबूती
श्री गोयल ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल ही में 698 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता और वैश्विक लेन-देन की शक्ति को दर्शाता है। साथ ही, उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती और ऋण वितरण प्रणाली में सुधार का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारतीय बैंकिंग व्यवस्था पहले से कहीं अधिक भरोसेमंद और लचीली बन चुकी है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महंगाई दर (Inflation) आज स्वतंत्रता के बाद के सबसे निचले स्तरों में से एक पर है, जिससे आम नागरिक को राहत मिली है। यह एक व्यापक आर्थिक प्रबंधन, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और उचित मौद्रिक नीतियों का परिणाम है।
व्यापार समझौते: MSMEs और निर्यातकों को लाभ
श्री गोयल ने बताया कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिति को सशक्त बनाने के लिए विकसित देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) को प्राथमिकता दी है। उन्होंने यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के साथ हो रहे समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि इनसे भारतीय निर्यातकों और लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने व्यापार भागीदारों के साथ विन-विन मॉडल पर आधारित समझौते कर रहा है, जिसमें देश के आर्थिक हित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को केंद्र में रखा गया है। इससे न केवल व्यापार का विस्तार हुआ है बल्कि तकनीकी हस्तांतरण और गुणवत्ता सुधार को भी प्रोत्साहन मिला है।
तकनीकी क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका
श्री गोयल ने आने वाले वर्षों में तकनीक के क्षेत्र में भारत की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत न केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, और 3D प्रिंटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश कर रहा है, बल्कि इन क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इकोसिस्टम, डिजिटल इंडिया, और युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के कार्यक्रमों ने भारत को नवाचार का केंद्र बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इन तकनीकों के माध्यम से भारत स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और रक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है।
140 करोड़ भारतीयों की साझी भागीदारी
अपने संबोधन में श्री गोयल ने इस बात पर विशेष बल दिया कि भारत की यह यात्रा केवल सरकार या उद्योगों की नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ नागरिकों की साझा भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि
“मोदी जी का विजन केवल नीतियों तक सीमित नहीं है। वह हर भारतीय को विकास का भागीदार बनाना चाहते हैं। यह सामूहिक प्रयास ही हमें विकसित भारत 2047 तक ले जाएगा।”
उन्होंने सरकार की जनहित योजनाओं जैसे उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, डिजिटल भुगतान, आत्मनिर्भर भारत अभियान, जल जीवन मिशन, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना आदि का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार इन योजनाओं ने आम नागरिक की जिंदगी में मूलभूत बदलाव लाया है।
उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं, ग्रामीण समुदायों और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
निष्कर्ष: समग्र और दूरदर्शी विकास का युग
श्री गोयल के अनुसार, मोदी सरकार ने देश को incremental progress (धीमी प्रगति) के बजाय क्वांटम परिवर्तन (Quantum Leap) की राह पर डाला है। यह बदलाव केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि नीतियों की सोच, क्रियान्वयन के तौर-तरीकों और नागरिकों के जीवन स्तर में देखा जा सकता है।
भारत अब केवल एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक दृढ़, आत्मनिर्भर, और वैश्विक नेतृत्व को तैयार राष्ट्र बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्वगुरु बनने की दिशा में सशक्त और आत्मविश्वास से भरी यात्रा पर अग्रसर है।