उत्तर भारत की सबसे भव्य धार्मिक यात्राओं में शुमार कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर संकल्पबद्ध और सजग नजर आ रही है। वर्ष 2025 में श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही शिवभक्तों की अपार भीड़ कांवड़ लेकर हरिद्वार, गंगोत्री और गौमुख से पवित्र गंगाजल भरकर अपने-अपने स्थानीय शिवधामों की ओर प्रस्थान करेगी। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों एवं संबंधित विभागों को स्पष्ट और कठोर निर्देश दिए हैं कि कांवड़ यात्रा का संचालन पूरी तरह सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धा के अनुरूप हो।
मुख्यमंत्री योगी ने शासन-प्रशासन को संबोधित करते हुए कांवड़ मार्गों पर जनसुविधा, स्वच्छता और श्रद्धा का माहौल बनाए रखने हेतु कई ठोस निर्देश जारी किए हैं, जिन पर अमल को अनिवार्य बताया गया है।
मुख्य निर्देश: श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. खुले में मांस-मछली की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस, मछली अथवा अन्य मांसाहारी पदार्थों की बिक्री नहीं होनी चाहिए। यह निर्णय श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं और सांस्कृतिक मर्यादा की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
जिलों के नगर निगम, नगर पालिका, खाद्य सुरक्षा विभाग, पुलिस और प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि कोई दुकान, ढाबा अथवा अस्थायी ठेला कांवड़ मार्ग के निकट मांस न बेचे।
2. स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और स्ट्रीट लाइट की व्यापक व्यवस्था
योगी सरकार ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि:
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संपूर्ण यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई अभियान चलाया जाए।
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सड़कों की नियमित धुलाई और कीटाणुनाशक छिड़काव हो।
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कूड़ेदान, डस्टबिन की उपलब्धता के साथ-साथ नियमित कचरा संग्रहण की व्यवस्था हो।
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सभी मुख्य मार्गों एवं शिविर स्थलों पर स्ट्रीट लाइट सुनिश्चित की जाए।
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बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे और जहां आवश्यक हो, वहां जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था रहे।
3. पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था
कांवड़ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु योगी सरकार ने जल निगम, स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय और आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देशित किया है कि:
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हर कुछ किलोमीटर पर स्वच्छ पेयजल के स्टॉल लगें।
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चलित एवं स्थायी शौचालयों की व्यवस्था हो।
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हर शिविर स्थल एवं मुख्य बिंदुओं पर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र सुसज्जित रूप में कार्यरत हों।
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एम्बुलेंस की तैनाती रहे और आपात स्थिति में तुरंत उपचार उपलब्ध हो।
4. जर्जर विद्युत पोलों और लटकते तारों की तत्काल मरम्मत
मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को निर्देश दिए हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग के आसपास स्थित सभी जर्जर पोल, लटकते तार और पुराने ट्रांसफार्मरों की पहचान कर तुरंत मरम्मत एवं प्रतिस्थापन किया जाए। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
बिजली विभाग को एक कार्ययोजना बनाकर 10 दिनों के भीतर सभी आवश्यक मरम्मत कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
5. शिविर संस्थाओं का सत्यापन और जनसुविधा केंद्रों का संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों पर शिविर लगाने वाली संस्थाओं, समितियों एवं सामाजिक संगठनों का पूर्ण सत्यापन कर, उनके सहयोग से जनसुविधा केंद्र संचालित किए जाएं।
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सत्यापन के बाद ही शिविरों को अनुमति दी जाए।
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हर शिविर स्थल पर स्वच्छता, पेयजल, शौचालय, चिकित्सा और विश्राम की व्यवस्था हो।
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स्वयंसेवकों को स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर प्रशिक्षित किया जाए।
डिजिटल निगरानी और ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था
CCTV से हर गतिविधि पर नज़र
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि:
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यात्रा मार्गों के सभी प्रमुख बिंदुओं, शिविर स्थलों, विश्राम स्थलों, गंगा जल भराव स्थलों और प्रवेश द्वारों पर CCTV कैमरे लगाए जाएं।
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इन कैमरों की लाइव फीड को जिला कंट्रोल रूम और राज्य स्तर पर एकीकृत कमांड सेंटर से जोड़ा जाए।
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निगरानी प्रणाली के लिए पर्याप्त तकनीकी स्टाफ और IT एक्सपर्ट की तैनाती की जाए।
यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा, आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण, लापता व्यक्तियों की खोज और भीड़ प्रबंधन में अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
ड्रोन से भीड़ पर आसमानी निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि:
“ड्रोन निगरानी आज केवल तकनीक नहीं, बल्कि भीड़ नियंत्रण का सबसे प्रभावी माध्यम है। हर जिले को पर्याप्त ड्रोन की व्यवस्था करनी होगी।”
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भीड़भाड़ वाले क्षेत्र, जाम संभावित स्थल, पुल, घाट, प्रमुख मंदिरों और शिविरों पर ड्रोन से लगातार निगरानी की जाए।
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ड्रोन से प्राप्त वीडियो फुटेज का विश्लेषण कर तत्काल प्रतिक्रिया दलों (QRTs) को सतर्क किया जाए।
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ट्रैफिक फ्लो, अनावश्यक भीड़, संदेहास्पद गतिविधियों पर ड्रोन की मदद से तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और वैकल्पिक मार्ग
कांवड़ यात्रा के दौरान सड़कों पर भारी भीड़ और वाहनों का दबाव बना रहता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा:
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यात्रा मार्गों पर स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, ट्रैफिक मॉनिटरिंग सेंसर और GPS आधारित वाहन ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए।
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सभी ज़िलों में यातायात विभाग को निर्देशित किया गया है कि वैकल्पिक मार्गों की पहचान कर वहाँ उचित संकेतक (Sign Boards) लगाए जाएं।
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संवेदनशील इलाकों में वन-वे ट्रैफिक, बैरिकेडिंग और रूट डायवर्जन की योजनाएं पहले से तैयार रहें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि Google Maps और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रूट अपडेट्स, ट्रैफिक सूचना और अलर्ट नियमित रूप से अपडेट किए जाएं।
महिला सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता
श्रद्धालुओं में महिलाओं और बालिकाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश भी जारी किए कि:
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यात्रा मार्ग पर महिला पुलिस कर्मियों की विशेष टीमों की तैनाती की जाए।
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पिंक बूथ, पिंक पेट्रोलिंग, और फुट पेट्रोलिंग की व्यवस्था हो।
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हर शिविर स्थल पर महिला सहायता केंद्र और महिला स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य की जाए।
साथ ही महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 के साथ-साथ 112 (आपात सेवा) और 108 (एम्बुलेंस) को प्रचारित करने के लिए बैनर, पोस्टर, सोशल मीडिया और लोक माध्यमों का उपयोग किया जाए।
डिजिटल कमांड सेंटर: नियंत्रण और समन्वय का केंद्र
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प्रदेश के गृह विभाग द्वारा राज्य स्तर पर एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (ICCC) स्थापित किया गया है जो सभी जिलों की लाइव मॉनिटरिंग करेगा।
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इसी तरह जिलों में डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय रहेंगे और स्थानीय प्रशासन, पुलिस, यातायात, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को जोड़ेंगे।
यह कमांड सेंटर सभी CCTV, ड्रोन, हेल्पलाइन कॉल्स, आपात घटनाओं और ट्रैफिक सूचना को एक स्थान से नियंत्रित करेगा।
समाज और प्रशासन के सामूहिक सहयोग पर बल
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा:
“कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक एकता, सामाजिक समरसता और अनुशासित व्यवस्था का प्रमाण है। इसमें प्रशासनिक तंत्र के साथ समाज का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। हर नागरिक, हर संस्था, हर स्वयंसेवी संगठन अपनी भूमिका निभाए, तभी यह आयोजन भव्य और सफल हो सकता है।”
विभिन्न जिलों में तैयारियों को लेकर गतिविधियाँ तेज
लखनऊ, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहाँपुर, प्रयागराज, वाराणसी, झाँसी, कानपुर, अयोध्या, बलरामपुर आदि जिलों में कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारियाँ युद्धस्तर पर शुरू हो चुकी हैं।
अनेक जिलों में “कांवड़ समन्वय समिति” का गठन कर लिया गया है जिसमें प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, विद्युत, नगर निकाय, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं।
श्रद्धा, अनुशासन और उत्तरदायित्व – कांवड़ यात्रा की पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि कांवड़ यात्रा की सफलता श्रद्धालुओं के अनुशासन, प्रशासन की सजगता और समाज के उत्तरदायित्व पर आधारित होती है।
उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि:
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धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाएगा, लेकिन कानून व्यवस्था से समझौता नहीं होगा।
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ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे, बैंड आदि के उपयोग पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी होंगे।
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जहां भी आवश्यकता हो, वहां अस्थायी पुलिस चौकियाँ और सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश बनेगा धार्मिक पर्यटन का आदर्श मॉडल
कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए निर्देशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक संवर्धन और जनसेवा के क्षेत्र में देश का मार्गदर्शक राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उनके नेतृत्व में प्रदेश प्रशासन इस संकल्प के साथ कार्य कर रहा है कि हर कांवड़ यात्री सुरक्षित, स्वस्थ और संतुष्ट होकर अपने गंतव्य तक पहुंचे और उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक दक्षता की सराहना करे।