राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) मानवाधिकारों की ओर युवा कदम: एनएचआरसी के समर इंटर्नशिप कार्यक्रम 2025 का नई दिल्ली में शुभारंभ

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) मानवाधिकारों की ओर युवा कदम: एनएचआरसी के समर इंटर्नशिप कार्यक्रम 2025 का नई दिल्ली में शुभारंभ

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत द्वारा विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए आयोजित चार सप्ताह का समर इंटर्नशिप कार्यक्रम (SIP) 2025 का शुभारंभ 16 जून को नई दिल्ली स्थित आयोग मुख्यालय में हुआ। इस अवसर पर एनएचआरसी के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री वी. रामासुब्रमण्यम ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और छात्रों को न्याय और सहानुभूति के पथ पर चलकर समाज में समान अधिकारों और अवसरों की स्थापना में योगदान देने का आह्वान किया।


20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित 80 छात्र

इस प्रतिष्ठित इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए देशभर से 1,468 आवेदकों में से 80 छात्रों का चयन किया गया है। चयनित छात्र 42 विभिन्न संस्थानों से हैं, जो कानून, समाजशास्त्र, समाजकार्य, पत्रकारिता, मनोविज्ञान, लिंग अध्ययन, डिजिटल मानविकी और अंतरराष्ट्रीय संबंध जैसे विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह विविधता भारत की “विविधता में एकता” की भावना को साकार करती है।


न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम का संदेश

कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में ज्ञान का अर्जन उद्देश्य के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे एक बच्चा मां की ममता, पिता की दिशा, भाई-बहनों की सलाह और साथियों के प्रभाव से विकसित होता है, वैसे ही छात्रों को एक-दूसरे से सीखने और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने की आवश्यकता है।

उन्होंने न्याय और करुणा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एक समान और समावेशी समाज की स्थापना तभी संभव है जब युवा वर्ग सक्रिय रूप से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए।


युवाओं की भूमिका अहम: भारत लाल

इस अवसर पर एनएचआरसी के महासचिव श्री भारत लाल ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि युवाओं की जागरूकता और संवेदनशीलता ही मानवाधिकारों को सुदृढ़ कर सकती है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे सहानुभूति, उत्तरदायित्व और समर्पण के साथ समाज की चुनौतियों को समझें और समाधान का हिस्सा बनें।

उन्होंने भारत की सभ्यतागत विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें केवल अधिकारों की ही नहीं, बल्कि कर्तव्यों की भी समान रूप से समझ होनी चाहिए। उन्होंने आशा जताई कि ये इंटर्न इस कार्यक्रम से प्राप्त अनुभवों का उपयोग एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाने में करेंगे।


इंटर्नशिप कार्यक्रम की झलक

कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए एनएचआरसी के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार ने बताया कि यह इंटर्नशिप सिर्फ शिक्षण नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और फील्ड विज़िट पर आधारित है। इसमें शामिल हैं:

  • इंटरएक्टिव सत्र (प्रख्यात विशेषज्ञों के साथ)

  • समूह अनुसंधान परियोजनाएं

  • पुस्तक समीक्षाएं

  • वाद-विवाद एवं वक्तृत्व प्रतियोगिताएं

  • NGOs, पुलिस थानों, जेलों, आश्रय गृहों, अन्य राष्ट्रीय आयोगों आदि का दौरा

इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को मानवाधिकार के विविध पहलुओं की समझ मिलेगी और वे नवाचार आधारित समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित होंगे।


कार्यक्रम में सेना की सहभागिता

समापन पर लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह, निदेशक, एनएचआरसी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का आभार जताया।


निष्कर्ष

एनएचआरसी का यह चार-सप्ताहीय समर इंटर्नशिप कार्यक्रम न केवल युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाता है, बल्कि उन्हें समाज में बदलाव का वाहक भी बनाता है। देश के कोने-कोने से आए प्रतिभाशाली छात्रों का यह समागम, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में भविष्य की एक आशा है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *