छठ पूजा कमेटी महराजी
गोरखपुर | गोरखपुर जिले के पिपराइच विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महराजी गांव में 27 अक्टूबर 2025 को छठ महापर्व का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ किया गया। गांव के सभी समुदायों और वर्गों ने इस आयोजन में एकजुट होकर भाग लिया। छठ घाट को आकर्षक ढंग से सजाया गया था — दीपों की रोशनी, केले के पत्तों की सजावट, और भक्ति गीतों की मधुर धुनों से पूरा वातावरण छठमय हो उठा। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे चौरी चौरा के वर्तमान विधायक माननीय ई. सरवन निषाद का ग्रामीणों और समिति के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से स्वागत के दौरान “जय छठी मइया” और “सरवन निषाद ज़िंदाबाद” के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।
विधायक सरवन निषाद का संबोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सरवन निषाद ने कहा कि छठ महापर्व केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और स्वच्छता का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि “छठ पूजा हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है — इसमें मातृशक्ति की शक्ति, श्रम और समर्पण की झलक मिलती है। महराजी गांव ने जिस तरह सामूहिक सहयोग से यह पर्व आयोजित किया है, वह पूरे क्षेत्र के लिए मिसाल है।”
विधायक ने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकता, प्रेम और पारस्परिक सहयोग की भावना को बढ़ाते हैं। उन्होंने व्रतियों को शुभकामनाएं दिये |
कमेटी का योगदान और जनभागीदारी
छठ महापर्व का यह आयोजन पूरी तरह से स्थानीय समिति के समर्पण और परिश्रम का परिणाम था। आयोजन कमेटी में प्रमुख रूप से अर्जुन निषाद, आकाश निषाद, बृजनाथ यादव, सुधीर प्रजापति, प्रिंस गौड़, संघर्ष कुमार सहानी, ओमकार निषाद, शिवम निषाद, मोहन निषाद, प्रदुमन निषाद, अलोक कुमार सहानी, अजय निषाद, हरेन्द्र निषाद, पवन निषाद, चन्दन निषाद, संदीप निषाद, सुनील निषाद, राजू निषाद, छोटेलाल निषाद, भागीरथी निषाद, धीरज निषाद, संदीप यादव, विन्ध्याचल निषाद सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इन सभी के सामूहिक प्रयास से छठ घाट की सफाई, सजावट, और सुरक्षा की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग स्नान क्षेत्र बनाए गए, जबकि प्रशासनिक सहयोग से रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई।
श्रद्धा और सांस्कृतिक रंगों से सजा महराजी
शाम के समय अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में गीत गाती हुई घाट पर पहुंचीं और जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। पूरे क्षेत्र में छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही थी — “केलवा जे फरेला घवद से ओ पिववा” जैसे लोकगीतों ने माहौल को भावनात्मक बना दिया।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जबकि बुजुर्गों ने आशीर्वाद स्वरूप गीतों का गायन किया। देर रात तक पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और जनमिलन का सिलसिला चलता रहा। अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन हुआ। गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि इस वर्ष का आयोजन अब तक का सबसे सफल और अनुशासित आयोजन रहा। ग्रामीणों ने विधायक सरवन निषाद का पुनः धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे आयोजनों से गांव का सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान होता है।
1. आयोजन का शुभारंभ और वातावरण
महराजी गांव में इस वर्ष छठ महापर्व का आयोजन अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ किया गया। सुबह से ही गांव की गलियाँ साफ-सुथरी की गईं, घर-घर में सुंदर अल्पनाएँ बनाई गईं और पूरे क्षेत्र में पवित्रता का वातावरण व्याप्त रहा। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से घाट की सफाई, सजावट और व्यवस्था का जिम्मा उठाया। पूरा गांव एक परिवार की तरह जुटा दिखा — जिससे यह आयोजन एकता और सहयोग का उदाहरण बन गया।
2. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का भव्य दृश्य
शाम होते ही व्रतियों ने रंगीन साड़ियों और पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर छठ घाट की ओर प्रस्थान किया। घाट पर केले के पत्तों, फूलों, और दीपमालाओं से सजी सजावट देखने लायक थी। सूर्यास्त के समय जब व्रतियों ने नदी या तालाब के निर्मल जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया, तो वह क्षण अत्यंत भव्य और भावनात्मक था। चारों ओर “छठ मइया की जय” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।
3. मुख्य अतिथि का आगमन और स्वागत समारोह
इस आयोजन में चौरी चौरा के वर्तमान विधायक माननीय ई. सरवन निषाद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके पहुंचते ही गांव के युवाओं और महिलाओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों, नगाड़ों और फूल-मालाओं से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। विधायक ने छठव्रतियों और आयोजन समिति को बधाई दी और कहा कि “छठ पर्व हमारी संस्कृति की आत्मा है, जिसमें आस्था, स्वच्छता और सामाजिक एकता तीनों का सुंदर समावेश है।”
उन्होंने महराजी गांव की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस समर्पण के साथ यहां के युवाओं ने यह आयोजन किया है, वह पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत है।
4. सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति गीतों का माहौल
अर्घ्य के बाद पूरे घाट पर लोकगीतों और भजन कीर्तन की मनमोहक प्रस्तुति हुई। महिलाओं के समूहों ने पारंपरिक छठ गीत गाए, जबकि युवाओं ने भक्ति संगीत की धुनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। बच्चों ने सूर्य देव और छठ मइया पर लघु नाटिकाएं प्रस्तुत कीं।
“केलवा जे फरेला घवद से ओ पिववा” और “छठी मइया सुन लऽ अरज हमार” जैसे गीतों पर ग्रामीण झूम उठे। पूरा क्षेत्र दीपों की रौशनी से आलोकित हो गया।
5. विधायक का संदेश और विकास की घोषणा
विधायक सरवन निषाद ने अपने संबोधन में कहा कि “हमारी परंपराएं हमारी पहचान हैं, इन्हें संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। महराजी गांव का यह आयोजन बताता है कि गांवों में आस्था और एकता दोनों जिंदा हैं।” उन्होंने महराजी और आस-पास के क्षेत्रों में सड़क, प्रकाश व्यवस्था और घाट सौंदर्यीकरण हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
6. समापन और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
अगली सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन हुआ। उस समय भी लोगों की भीड़ घाट पर उमड़ी रही। महिलाओं ने प्रसाद (थेका) बांटा और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ दीं। महराजी गांव का हर आंगन छठ मइया के गीतों से गूंजता रहा।
7. दृश्य और माहौल का सार
छठ घाट की सजावट, दीपमालाओं की चमक और श्रद्धालुओं की भीड़ ने एक अविस्मरणीय दृश्य प्रस्तुत किया। गांव के हर चेहरे पर संतोष, भक्ति और आनंद की झलक दिखाई दी। हर व्यक्ति इस पर्व को अपने सामूहिक प्रयास की सफलता मान रहा था।
रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |