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गोरखपुर महराजी में नहर पर बना पुल तीन महीने में ही टूटा निर्माण पर उठा सवाल

महराजी लखेसरा मार्ग नहर पुल

महराजी लखेसरा मार्ग नहर पुल

संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | गोरखपुर जनपद के पिपराईच थाना क्षेत्र के ग्राम महराजी, पोस्ट कुसम्ही बाजार के समीप बने पुल की हालत ने प्रशासनिक दावों की पोल खोलकर रख दी है। महराजी चौराहे से लगभग 70–80 मीटर की दूरी पर नहर पर बने इस पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। पुल का निर्माण मात्र तीन माह पूर्व लगभग लाखों रुपये की लागत से कराया गया था। अब इसके टूटने से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि निर्माण के समय ही घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था, जिसका नतीजा आज सबके सामने है।

 

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि पुल की तत्काल मरम्मत और स्वतंत्र जांच नहीं कराई गई तो बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका भी बढ़ा दी है। ग्राम महराजी ब्लॉक व थाना पिपराईच अंतर्गत महराजी चौराहे से लखेसरा (लकेषर नाथ) को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग स्थानीय लोगों के लिए जीवन रेखा के समान है। इसी मार्ग पर नहर के ऊपर लगभग 70–80 मीटर की दूरी पर बना नया पुल अभी पूरी तरह से चालू भी नहीं हो पाया था कि उसका एक हिस्सा अचानक टूट गया। टूटे हिस्से से नीचे नहर का पानी दिखाई दे रहा है और किनारे की मिट्टी भी बहकर कट चुकी है। इससे यह पुल आम लोगों और वाहनों के लिए खतरे का सबब बन गया है। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण गोरखपुर शहर, कस्बों और आस-पास के गांवों की ओर आवाजाही करते हैं। यह सड़क महराजी चौराहे को सीधे लखेसरा और अन्य कई छोटे-छोटे गांवों से जोड़ती है। ऐसे में पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से न केवल लोगों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि शिक्षा और व्यापार जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंचना भी कठिन हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि भारी वाहनों की आवाजाही भी इसी मार्ग से होती है। ऐसे में अगर पुल की मरम्मत जल्द नहीं हुई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

 

ग्रामीणों का आरोप है कि पुल के निर्माण के दौरान ही घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि मात्र तीन महीने पहले बने पुल में इस तरह की बड़ी खामी सामने आना गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करता है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि लगभग लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद पुल की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं की गई। अब इस टूट-फूट ने सभी सवालों को सही साबित कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार पर सख्त कार्रवाई हो तथा पुल की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। वहीं, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी अपेक्षा की जा रही है कि वे जनता की इस समस्या का समाधान कराने के लिए आगे आएं। वर्तमान स्थिति में यह पुल आमजन की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है |

 

गोरखपुर जनपद के पिपराईच थाना क्षेत्र के ग्राम महराजी में बना पुल आज गंभीर चर्चा का विषय बना हुआ है। महराजी चौराहे से लगभग 70–80 मीटर की दूरी पर नहर पर बने इस पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस पुल का निर्माण अभी महज तीन महीने पहले ही हुआ था। इतने कम समय में पुल का क्षतिग्रस्त हो जाना सीधे तौर पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण के समय ही घटिया सामग्री का उपयोग हुआ था। नतीजा यह हुआ कि पुल चालू भी नहीं हो पाया और इसका हिस्सा टूटकर नीचे नहर में गिर गया। टूटे हिस्से से नीचे बहता नहर का पानी साफ दिखाई दे रहा है और किनारे की मिट्टी भी कटकर बह चुकी है, जिससे पुल की नींव कमजोर होती जा रही है।

यह पुल महराजी , उसका ,मटिहनिया ,सिहोरिया ,गोपलापुर, लखेसरा और आसपास के अन्य गांवों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण इसी रास्ते से गोरखपुर शहर और कस्बों की ओर आते-जाते हैं। साथ ही, इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही भी लगातार होती है। ऐसे में पुल का क्षतिग्रस्त होना लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है। ग्रामीणों को डर है कि यदि तुरंत कोई कदम नहीं उठाया गया, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है जिसमें जान-माल की हानि होना तय है। ग्रामीणों का कहना है इस पुल की मरम्मत कराने और पूरे निर्माण कार्य की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि केवल मरम्मत करना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि यह भी देखा जाना चाहिए कि निर्माण में किस स्तर की अनियमितता और लापरवाही बरती गई। साथ ही दोषी के ऊपर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

 

1. महराजी पुल कहाँ स्थित है?

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद, पिपराईच थाना क्षेत्र के ग्राम महराजी (पोस्ट कुसम्ही बाजार) में यह पुल स्थित है।

2. यह पुल कब बना था?

इस पुल का निर्माण लगभग तीन महीने पहले ही लाखों रुपये की लागत से किया गया था।

3. पुल का कौन सा हिस्सा टूटा है?

नहर पर बने पुल का एक हिस्सा ढह गया है, जिससे नीचे नहर का पानी साफ दिखाई दे रहा है।

4. पुल टूटने की वजह क्या मानी जा रही है?

ग्रामीणों के अनुसार, पुल निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से यह कमजोर होकर टूट गया।

5. पुल टूटने से किसे सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है?

प्रतिदिन इस मार्ग से आने-जाने वाले ग्रामीणों, छात्रों, व्यापारियों और भारी वाहनों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।

6. यह मार्ग किन-किन गांवों को जोड़ता है?

यह मार्ग महराजी चौराहे को लखेसरा (लकेषर  नाथ) और आसपास के कई छोटे गांवों से जोड़ता है।

7. पुल टूटने से लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ा है?

परिवहन बाधित हो सकता है, शिक्षा और व्यापार तक पहुंचना कठिन हो सकता है और आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।

8. ग्रामीणों ने क्या आरोप लगाया है?

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और गुणवत्ता की अनदेखी की गई।

9. पुल टूटने से हादसे का कितना खतरा है?

 पुल का हिस्सा कमजोर हो चुका है और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।

10. क्या इस मार्ग से भारी वाहन भी गुजरते हैं?

हाँ, इस मार्ग से प्रतिदिन भारी वाहनों की आवाजाही होती है, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है।

रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

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