दिनांक : 15.07.2025 | Koto News | KotoTrust |
14.072025 विशाखापत्तनम के तटीय किनारे से क्षेत्रीय समुद्री साझेदारी की नई लहर उठी है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन के एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड — इन सात बिम्सटेक देशों के नीति निर्माता, बंदरगाह प्राधिकरणों के प्रतिनिधि, समुद्री विशेषज्ञ, निजी क्षेत्र के उद्यमी और शिक्षाविद इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बने।
केंद्रीय मंत्री श्री सोनोवाल ने उद्घाटन सत्र में कहा, “बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन बंगाल की खाड़ी के समुद्री संसाधनों और क्षेत्रीय एकता की अपार संभावनाओं को उजागर करने वाला मंच है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के अंतर्गत यह सम्मेलन सहयोग, एकीकरण और साझा समृद्धि की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आकांक्षा है कि इस मंच के माध्यम से बंदरगाह-आधारित औद्योगीकरण, डिजिटल लॉजिस्टिक्स, कौशल विकास और क्रूज पर्यटन में बिम्सटेक देश मिलकर अग्रणी भूमिका निभाएं।
सम्मेलन के दौरान, समुद्री परिवहन सहयोग पर हस्ताक्षरित एग्रीमेंट ऑन मेरीटाइम ट्रांसपोर्ट कोऑपरेशन (AMTC) के शीघ्र अनुसमर्थन और कार्यान्वयन की अपील की गई। भारत इस समझौते का अनुसमर्थन करने वाला पहला देश बन चुका है। श्री सोनोवाल ने कहा कि इस समझौते के कार्यान्वयन से सदस्य देश एकीकृत समुद्री भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे, जिससे सतत आर्थिक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
“बिम्सटेक सतत समुद्री परिवहन केंद्र” की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र न केवल समुद्री कार्यबल के कौशल विकास और हरित नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि बिम्सटेक AMTC समझौते के क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसका उद्देश्य व्यापार लागत को कम करना, डिजिटल और हरित रूपांतरण को गति देना और क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत बनाना है।
PPP के ज़रिये समुद्री अवसंरचना का सशक्तीकरण
सम्मेलन के पहले सत्र में निजी क्षेत्र के निवेश और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया गया। वक्ताओं ने बिम्सटेक क्षेत्र में एक क्षेत्रीय PPP सुविधा मंच की स्थापना का प्रस्ताव रखा और सुसंगत समुद्री कानूनों को लागू करने की आवश्यकता जताई। यह सत्र पुराने बंदरगाह ढांचे और सीमित समन्वय जैसी चुनौतियों को दूर करने पर केंद्रित रहा।
वैश्विक आपूर्ति शृंखला में बिम्सटेक की भागीदारी
दूसरे सत्र में वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में बिम्सटेक की भूमिका को लेकर व्यापक चर्चा हुई। क्रूज पर्यटन, जहाज निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और रसद प्रबंधन में क्षेत्र को एक लचीले और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की रणनीतियाँ प्रस्तुत की गईं।
राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर का संबोधन
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बिम्सटेक मंच को व्यापार, पर्यटन और उद्योग का सशक्त केंद्र बनाने हेतु एक सहयोगात्मक रोडमैप तैयार किया है। हमारा उद्देश्य है कि समुद्री नीतियों का संरेखण, डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म का एकीकरण और निजी निवेश को बढ़ावा देकर निर्बाध क्षेत्रीय संपर्क स्थापित किया जाए।” उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कौशल विकास और पर्यावरणीय नवाचारों को समान रूप से प्राथमिकता दी जाएगी।
एक्ट ईस्ट’ नीति का समुद्री स्तंभ
श्री सोनोवाल ने कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट को ‘पूर्वोत्तर भारत की वैश्विक खिड़की’ बताया। यह परियोजना भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बंगाल की खाड़ी से जोड़कर न केवल पारगमन समय और व्यापार लागत को कम करती है, बल्कि म्यांमार और अन्य बिम्सटेक देशों से भारत के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करती है। उन्होंने इसे क्षेत्रीय संपर्क का आदर्श मॉडल करार दिया।
महत्वपूर्ण प्रस्ताव और चर्चाएं
बंदरगाह-आधारित औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में संयुक्त निवेश की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों की स्थापना पर चर्चा हुई, जो तटीय व आंतरिक दोनों क्षेत्रों को जोड़ेंगे।
बिम्सटेक पोर्ट कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव सामने आया, जो एकीकृत निर्णय-निर्माण और कार्यान्वयन में सहायक होगा।
क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय ब्रांडिंग व संयुक्त पैकेजिंग रणनीतियों पर भी ज़ोर दिया गया।
सीमा-पार प्रशिक्षण और उद्योग-अकादमिक गठजोड़ की आवश्यकता पर बल देते हुए, एक उच्च-प्रशिक्षित समुद्री कार्यबल तैयार करने की योजना बनाई गई।
ईको-नौवहन नवाचार के ज़रिये पर्यावरण-अनुकूल समुद्री गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का संकल्प व्यक्त किया गया।
प्रतिनिधिमंडल और उपस्थिति
इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में बिम्सटेक महासचिव श्री मणि पांडे, केंद्रीय सचिव टीके रामचंद्रन, विशाखापत्तनम सांसद एम श्रीभारत, वीपीए एवं डीसीआई अध्यक्ष डॉ एम अंगमुथु, बिम्सटेक देशों के कुल 28 प्रतिनिधियों सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
भारत पहला अनुसमर्थक देश बना
‘एग्रीमेंट ऑन मेरीटाइम ट्रांसपोर्ट कोऑपरेशन’ (AMTC) बिम्सटेक क्षेत्र के लिए समुद्री सहयोग को औपचारिक रूप से मजबूत करने वाला एक ऐतिहासिक समझौता है। भारत इस समझौते का अनुसमर्थन करने वाला पहला देश बनकर क्षेत्रीय नेतृत्व की भूमिका निभा रहा है। यह समझौता सदस्य देशों के बीच समुद्री परिवहन के क्षेत्र में नीति संरेखण, संपर्क विस्तार, व्यापारिक गतिविधियों में सहजता |
मुंबई में बिम्सटेक सतत समुद्री परिवहन केंद्र की स्थापना
यह केंद्र AMTC समझौते के सफल क्रियान्वयन को तकनीकी और शैक्षणिक समर्थन प्रदान करेगा। साथ ही, यह संस्थान समुद्री नीतियों में सामंजस्य, डिजिटल और हरित परिवर्तन के लिए शोध, नवाचार और प्रशिक्षण का वैश्विक केंद्र बनेगा। इस पहल से बिम्सटेक क्षेत्र में समुद्री प्रबंधन को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है।
सीमा-पार प्रशिक्षण व डिजिटल लॉजिस्टिक्स पर ज़ोर
बिम्सटेक सम्मेलन के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा – सीमा-पार कौशल विकास और डिजिटल लॉजिस्टिक्स का सुदृढ़ीकरण। विभिन्न सत्रों में वक्ताओं ने यह प्रस्ताव रखा कि सदस्य देशों को समुद्री कार्यबल के प्रशिक्षण के लिए संयुक्त अकादमिक-उद्योग कार्यक्रम प्रारंभ करने चाहिए, जिससे क्षेत्रीय मानकों का पालन हो सके और तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि हो। इसके अतिरिक्त, डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्मों को एकीकृत कर समुद्री व्यापार को अधिक तेज, पारदर्शी और लागत प्रभावी बनाया जा सकेगा। यह पहल खासकर युवाओं को रोजगार और नवाचार के नए अवसर प्रदान करेगी।
पूर्वोत्तर भारत के लिए आर्थिक क्रांति का प्रवेशद्वार
कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना गया है। यह परियोजना भारत के मिज़ोरम राज्य को म्यांमार के सितवे बंदरगाह से जलमार्ग, सड़क और अंतर्देशीय मार्गों के माध्यम से जोड़ती है। इस कनेक्टिविटी से पूर्वोत्तर भारत को वैश्विक व्यापार नेटवर्क से सीधा जुड़ाव मिलेगा, जिससे व्यापार की लागत घटेगी और समय की बचत होगी। कलादान परियोजना न केवल एक द्विपक्षीय ढांचा है, बल्कि यह बिम्सटेक के व्यापक संपर्क मॉडल के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है।
संयुक्त ब्रांडिंग से क्षेत्रीय पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बिम्सटेक क्षेत्र में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त ब्रांडिंग, मल्टी-देश टूर पैकेज, और साझा पर्यटक मार्गों की योजनाएँ प्रस्तावित की गई हैं। सम्मेलन में यह सुझाव सामने आया कि सदस्य देश क्रूज मार्गों पर साझा विपणन करें और पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन मॉडल को अपनाएं। इससे बंगाल की खाड़ी के तटीय शहरों में पर्यटन का समावेशी विकास होगा, स्थानीय रोजगार बढ़ेगा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बल मिलेगा। इस प्रयास से बिम्सटेक क्षेत्र एक अंतरराष्ट्रीय क्रूज गंतव्य के रूप में उभर सकता है।
बंदरगाह अवसंरचना में निजी निवेश का आह्वान
बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और उनके साथ लगे औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को अत्यंत उपयोगी मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया। सम्मेलन में एक क्षेत्रीय PPP सुविधा मंच स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, जो बिम्सटेक देशों के लिए निवेशकों, नीति निर्माताओं और वित्तीय संस्थानों के बीच एक समन्वयक मंच की भूमिका निभाएगा। इससे बुनियादी ढांचे में तेजी से निवेश होगा, रसद क्षमता में वृद्धि होगी और बंदरगाह-आधारित औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
प्रस्तावित संस्थान क्षेत्रीय संचालन में सहायक
प्रबंधन, आपदा प्रतिक्रिया और आपूर्ति शृंखला लचीलापन को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह केंद्र साझा डिजिटल प्रणाली, बंदरगाह सामुदायिक मंच, और साझा डैशबोर्ड के माध्यम से सभी देशों की गतिविधियों को समन्वित करेगा। यह पहल क्षेत्रीय समुद्री शासन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।
Source : PIB