काठमांडू संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | काठमांडू — प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने वार्षिक प्रगति समीक्षा बैठक वित्तीय वर्ष 2081/082 एवं MDAC की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नेपाल के विकास लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए सभी निकायों को समन्वित और परिणामोन्मुख तरीके से कार्य करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समय कागजी योजनाओं से आगे बढ़कर ठोस परिणाम देने का है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति, नेपाल का LDC से स्नातक दर्जा प्राप्त करना और मनी लॉन्ड्रिंग की ग्रे लिस्ट से बाहर आना सुनिश्चित किया जा सके।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा, “नेपाल ने बीते वर्षों में कठिन चुनौतियों के बावजूद कई क्षेत्रों में प्रगति की है, लेकिन अब यह जरूरी है कि हम लक्ष्यों को केवल हासिल ही न करें, बल्कि स्थायी और समावेशी विकास का आधार भी मजबूत करें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, निजी क्षेत्र, विकास साझेदारों तथा नागरिक समाज को साझा दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम करना चाहिए। बैठक में विभिन्न मंत्रालयों ने अपने-अपने क्षेत्रों की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि और उद्योग क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करें”। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी नवाचार के उपयोग पर भी बल दिया।
प्रधानमंत्री ओली ने विशेष रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण रोकथाम के मुद्दे को रेखांकित करते हुए कहा कि नेपाल को जल्द से जल्द Financial Action Task Force (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आना होगा। इसके लिए सभी वित्तीय संस्थानों, नियामक निकायों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना न केवल अंतरराष्ट्रीय छवि को बेहतर करेगा, बल्कि विदेशी निवेश के प्रवाह को भी प्रोत्साहित करेगा।
1. सभी मंत्रालयों को अगले तीन महीनों में 100-दिवसीय कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों के भीतर एक विस्तृत 100-दिवसीय कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। इस कार्ययोजना में प्रत्येक मंत्रालय को अपने क्षेत्र में प्राथमिक लक्ष्यों की पहचान करनी होगी, संसाधन आवंटन सुनिश्चित करना होगा और ठोस समयसीमा तय करनी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना केवल दस्तावेज़ न होकर “परिणाम देने वाला रोडमैप” होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया जाए कि अगले 100 दिनों में कौन-कौन से काम पूरे होंगे और उनकी मापनीय प्रगति कैसे होगी। यह कदम प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और विकास परियोजनाओं की रफ्तार तेज करने के लिए अहम माना जा रहा है।
2. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति में बाधा डालने वाले प्रशासनिक अवरोधों को हटाने के लिए विशेष टास्कफोर्स का गठन
बैठक में यह स्वीकार किया गया कि देश में कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं (सड़क, पुल, ऊर्जा संयंत्र, सिंचाई, जलापूर्ति आदि) कागजी कार्यवाही, मंजूरी प्रक्रियाओं की देरी और विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय की कमी के कारण वर्षों से लटकी हुई हैं। इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष टास्कफोर्स का गठन करने का निर्णय लिया गया है, जो सीधे प्रधानमंत्री के कार्यालय को रिपोर्ट करेगी। यह टास्कफोर्स प्रत्येक अवरोध की पहचान करेगी, समाधान सुझाएगी और परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए सभी स्तरों पर हस्तक्षेप करेगी।
3. मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के लिए केंद्रीय बैंक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच रियल-टाइम डेटा शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत
नेपाल वर्तमान में FATF की ग्रे लिस्ट में है, जो देश की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय साख को प्रभावित कर रही है। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि नेपाल राष्ट्र बैंक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच रियल-टाइम डेटा शेयरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा। इससे संदिग्ध वित्तीय लेन-देन, अवैध धन प्रवाह और आतंकवाद वित्तपोषण जैसी गतिविधियों की निगरानी तुरंत की जा सकेगी। यह प्रणाली आधुनिक तकनीक, AI-आधारित एनालिटिक्स और सुरक्षित डिजिटल नेटवर्क पर आधारित होगी, जिससे जांच एजेंसियों को त्वरित और सटीक जानकारी उपलब्ध होगी।
4. LDC से स्नातक दर्जा पाने के लिए निर्यात में वृद्धि और औद्योगिक उत्पादन में 15% सालाना वृद्धि का लक्ष्य
नेपाल 2026 तक Least Developed Country (LDC) से स्नातक दर्जा हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि अगले तीन वर्षों में निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, विशेषकर कृषि-आधारित उत्पादों, जलविद्युत, पर्यटन और हस्तशिल्प क्षेत्र में। साथ ही, औद्योगिक उत्पादन में 15% सालाना वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए निवेश को प्रोत्साहन, कर छूट, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में सुधार और औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
5. सभी विकास परियोजनाओं में सामाजिक समावेशन और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता
बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले समय में कोई भी विकास परियोजना केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी परखी जाएगी। परियोजनाओं में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाने पर जोर होगा और पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए परियोजनाओं में ग्रीन एनर्जी, कचरा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि विकास टिकाऊ और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित हो।
1. MDAC बैठक क्या है?
MDAC (मंत्रिस्तरीय विकास कार्य परिषद) एक उच्च-स्तरीय सरकारी मंच है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों की प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की जाती है। इस बैठक में प्रधानमंत्री स्वयं अध्यक्षता करते हैं और महत्वपूर्ण नीति-निर्णय लिए जाते हैं।
2. प्रधानमंत्री ओली ने इस बैठक में किन मुख्य मुद्दों पर जोर दिया?
प्रधानमंत्री ओली ने विकास लक्ष्यों की समयबद्ध प्राप्ति, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की पूर्ति, नेपाल का LDC से स्नातक दर्जा हासिल करना और मनी लॉन्ड्रिंग की ग्रे लिस्ट से बाहर आने पर विशेष जोर दिया।
3. 100-दिवसीय कार्ययोजना का उद्देश्य क्या है?
100-दिवसीय कार्ययोजना का उद्देश्य मंत्रालयों को स्पष्ट और समयबद्ध लक्ष्य देना है, ताकि अल्पकालिक परिणाम दिखाए जा सकें और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाई जा सके।
4. विशेष टास्कफोर्स की भूमिका क्या होगी?
यह टास्कफोर्स बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति में आने वाली बाधाओं की पहचान करेगी और उन्हें दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी।
5. मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
नेपाल राष्ट्र बैंक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच रियल-टाइम डेटा शेयरिंग सिस्टम शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की त्वरित निगरानी हो सके।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)