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अभय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विश्राम प्रसाद निषाद का निधन

अभय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद के अंतिम संस्कार में उपस्थित पार्टी अध्यक्ष मा. शत्रुधन सिंह निषाद, डॉ. घनश्याम निषाद, फौजदार सिंह निषाद, कन्हैया सिंह निषाद और डॉ. वेदप्रकाश निषाद सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि देते हुए।

गोरखपुर में अभय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद के अंतिम संस्कार में शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

गोरखपुर, 17 नवम्बर 2025 | गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र की गौर बरसाईत ग्राम सभा में जन्मे और पूरे जीवन को समाज, शिक्षा और सामाजिक जागृति के लिए समर्पित करने वाले आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्षअभय समाज पार्टी, का दिनांक 15 नवम्बर 2025 को शाम लगभग 7 बजे निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे। 16 नवम्बर 2025 को दोपहर 2:30 बजे पूरे सम्मान के साथ उनका मिट्टी संस्कार किया गया। इस अवसर पर अभय समाज पार्टी के शीर्ष नेतृत्व—राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. शत्रुधन सिंह निषाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. घनश्याम निषाद, राष्ट्रीय सचिव मा. फौजदार सिंह निषाद, पंडित कन्हैया सिंह निषाद, जिलाध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश निषाद सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, स्थानीय ग्रामीण और शुभचिंतक उपस्थित रहे।

जीवन भर शिक्षा को समर्पण

आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद ने अपने जीवन की शुरुआत एक सरकारी अध्यापक के रूप में की। शिक्षण कार्य को उन्होंने केवल नौकरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक सेवा का माध्यम माना। उन्होंने वर्षों तक हजारों बच्चों को शिक्षा दी और उनके जीवन को दिशा प्रदान की। कई छात्र आज देश-प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर चुके हैं और वे अपने गुरु के मार्गदर्शन को अपनी उपलब्धियों की मूल धुरी बताते हैं। वर्तमान समय में, जब शिक्षा केवल पाठ्य पुस्तकों तक सीमित होती जा रही है, ऐसे में विश्राम प्रसाद निषाद जैसे शिक्षक का योगदान समाज के लिए एक गहरी प्रेरणा है। उन्होंने बच्चों के चरित्र निर्माण, सामाजिक समझ और नैतिकता को शिक्षा का मुख्य आधार माना।

शिक्षण के बाद राजनीति में सक्रिय योगदान

सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने जीवन को विश्राम नहीं दिया। शिक्षा के बाद उन्होंने समाज सुधार और राजनीतिक सक्रियता को अपनाया और अभय समाज पार्टी से जुड़े। उनकी लगन, संगठन क्षमता और लोगों में प्रभाव के कारण उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। उनका राजनीति में आना किसी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का परिणाम नहीं था, बल्कि यह समाज को जागरूक करने और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने की सोच का विस्तार था। उन्होंने निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षा, चेतना, अधिकार और राजनीतिक भागीदारी के प्रति प्रेरित किया।

सामाजिक चेतना के प्रबल वाहक

आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद न केवल शिक्षा और राजनीति में सक्रिय थे, बल्कि वे समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों में भी अग्रणी भूमिका निभाते थे। उन्होंने हमेशा सामाजिक एकता, सहयोग और सद्भाव का संदेश दिया। उनके नेतृत्व में कई सामाजिक जागरूकता अभियान—शिक्षा सुधार, स्वच्छता जागरूकता, दलित-पिछड़ा अधिकार कार्यक्रम—सफल रहे। वे निषाद समाज के भीतर प्रशिक्षण, नेतृत्व निर्माण और युवा संगठनों को मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। उनकी शांत, सहज और संयमित कार्यशैली ने उन्हें आम ग्रामीणों से लेकर बड़े नेताओं तक, हर वर्ग में प्रिय बनाया।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसमूह

16 नवम्बर को आयोजित मिट्टी संस्कार में गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं, आसपास के जिलों से भी लोगों का तांता लगा रहा। अभय समाज पार्टी के अध्यक्ष मा. शत्रुधन सिंह निषाद ने उनके निधन को पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा—“विश्राम प्रसाद निषाद जी का जाना केवल एक नेता का खोना नहीं, बल्कि हमारे लिए एक मार्गदर्शक, शिक्षक और समाज को दिशा देने वाले प्रकाश स्तंभ का बुझ जाना है। उनकी स्मृतियाँ और उनका योगदान सदैव हमारा मार्ग प्रशस्त करेगा। पार्टी के अन्य राष्ट्रीय व जिला पदाधिकारियों ने भी उनके व्यक्तित्व, सरलता और समर्पण को याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल लोगों के चेहरों पर भावनाएं स्पष्ट पढ़ी जा रही थीं। हर कोई उनके जाने को व्यक्तिगत क्षति के रूप में महसूस कर रहा था।

आमनीय विश्राम प्रसाद निषाद का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिष्ठित ग्राम सभा गौर बरसाईत में हुआ। एक साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने अपने कर्म, विचार और मूल्यों की शक्ति से न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म वर्ष 1947 था और जीवन के 78 वर्षों में उन्होंने सेवा, शिक्षा, संघर्ष और समाज-निर्माण का एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ लंबे समय तक याद रखेंगी।

समाज के बच्चों के भविष्य के लिए आजीवन समर्पण विश्राम प्रसाद निषाद ने अपने जीवन का अधिकांश समय सरकारी अध्यापक के रूप में बिताया। उन्होंने शिक्षण कार्य को केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज सेवा का सर्वोच्च माध्यम माना। उनका मानना था कि—“शिक्षा ही वह ज्योति है जो अज्ञान के अंधेरे को दूर करती है।”

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के हजारों बच्चों को न केवल पढ़ाया, बल्कि उनके भीतर नैतिकता, चरित्र, संस्कार और सामाजिक मूल्यों के बीज रोपे। कई बच्चे, जो पढ़ाई से दूर हो जाते, उन्हें वह अपने घर जाकर वापस स्कूल लाते थे। उनकी कड़ी मेहनत और व्यक्तिगत समर्पण के कारण ग्रामीण क्षेत्र के कई छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे शिक्षा के विषय में सक्रिय रहे और बच्चों को मार्गदर्शन, प्रेरणा और सलाह देते रहे। शिक्षा के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें गांव-क्षेत्र में “गुरुजी” के नाम से सम्मान दिलाता था।

अभय समाज पार्टी में राष्ट्रीय नेतृत्व

सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने समाज के व्यापक मुद्दों को समझते हुए अभय समाज पार्टी से जुड़कर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
उनकी विचारशीलता, सरलता, ईमानदारी और संगठन कौशल को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। अपने राजनीतिक जीवन में वे लगातार समाज के कमजोर वर्गों, किसानों, मजदूरों, पिछड़े वर्गों और विशेष रूप से निषाद समाज के अधिकार, शिक्षा, सम्मान और राजनीतिक भागीदारी के लिए काम करते रहे। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण अभियान चलाए, लोगों में राजनीतिक ज्ञान बढ़ाया और समाज को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी राजनीति का आधार सत्ता नहीं, बल्कि सेवा, संघर्ष और समाज सुधार थी।

समाज उत्थान की चार प्रमुख ध्रुव शिक्षा के माध्यम से समाज निर्माण उन्होंने शिक्षा को ही समाज विकास का पहला और सबसे मजबूत स्तंभ माना। जीवनभर वह शिक्षा के माध्यम से समाज को आगे बढ़ाने की सोच में लगे रहे।

ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन गाँव के गरीब, पिछड़े और संसाधनों की कमी से जूझ रहे बच्चों को उन्होंने नई दिशा दी। कई बच्चों के लिए वे शिक्षक से बढ़कर एक मार्गदर्शक, पिता और संरक्षक थे।

सामाजिक जागरूकता अभियान उन्होंने स्वच्छता, शिक्षा, सामाजिक समानता और जनभागीदारी पर कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों को सामाजिक अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।

निषाद समाज के उत्थान हेतु निरंतर प्रयास अपने समाज के सम्मान, अधिकार, शिक्षा और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए उन्होंने लगातार प्रयास किए। निषाद समाज के अनेक कार्यक्रमों, सम्मेलनों और आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका रही।

निधन और अंतिम संस्कार : एक युग का अंत 15 नवम्बर 2025 को शाम लगभग 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर गोरखपुर ही नहीं, पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में गहरा शोक लेकर आई। 16 नवम्बर 2025 को दोपहर 2:30 बजे पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ उनका मिट्टी संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार में अभय समाज पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी—

मा. शत्रुधन सिंह निषाद (राष्ट्रीय अध्यक्ष)

डॉ. घनश्याम निषाद (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)

मा. फौजदार सिंह निषाद (राष्ट्रीय सचिव)

पंडित कन्हैया सिंह निषाद

डॉ. वेदप्रकाश निषाद (जिलाध्यक्ष)

और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, ग्रामीण और शुभचिंतक शामिल हुए।

रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |

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