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Women’s Health : महिला स्वास्थ्य के लिए सरकारी गलियारों में नई पहल विधि मंत्रालय में आरोग्यम कक्ष का शुभारंभ

महिला स्वास्थ्य

दिनांक : 19.07.2025 | Koto News | KotoTrust |

सरकारी कार्यालयों की पारंपरिक छवि को चुनौती देते हुए, विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग ने अपने महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को केंद्र में रखते हुए एक अभिनव कदम उठाया है। पहली बार मंत्रालय के परिसर में, विशेष रूप से महिलाओं के लिए ‘महिला आरोग्यम कक्ष’ का उद्घाटन किया गया है – यह न केवल एक जिम या स्वास्थ्य कक्ष है, बल्कि मातृत्व, आत्म-देखभाल और समावेशी कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने की एक सशक्त पहल है।

मंत्री और अधिकारियों की उपस्थिति

इस सुविधा का भव्य उद्घाटन केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा किया गया। उनके साथ विधि सचिव डॉ. अंजू राठी राणा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी व महिला अधिकारीगण भी उपस्थित थे। मंत्री महोदय ने पारंपरिक रूप से फीता काटकर, पट्टिका का अनावरण कर और नव विकसित स्थल का निरीक्षण करते हुए इस पहल का शुभारंभ किया।

गैराज से आरोग्यम तक का सफर

शास्त्री भवन में स्थित यह कक्ष पहले एक अनुपयोगी गैराज के रूप में जाना जाता था। मंत्रालय ने इस जगह को पुनः उपयोग में लाते हुए अत्याधुनिक जिम उपकरणों से सुसज्जित किया और साथ ही नवजात शिशुओं की माताओं के लिए एक निजी स्तनपान कक्ष भी विकसित किया। यह संपूर्ण स्थल अब महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और मातृत्व आवश्यकताओं को पूरा करने वाला एक अनूठा मॉडल बन चुका है।

उद्देश्य और विचारधारा

कक्ष की परिकल्पना इस विचार से की गई है कि कार्यस्थल सिर्फ़ कर्मस्थल नहीं, बल्कि सहयोग और संवेदनशीलता का केंद्र भी होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हम फिट तो इंडिया फिट’ अभियान का वास्तविक विस्तार बताया। उन्होंने कहा, “कार्यस्थल पर महिलाओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करना है।”

आत्म-देखभाल का संदेश

विधि सचिव डॉ. अंजू राठी राणा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “महिलाएं प्रायः दूसरों की भलाई में स्वयं को पीछे कर देती हैं। यह स्थान उन्हें यह याद दिलाने का प्रयास है कि आत्म-देखभाल कोई विलासिता नहीं, बल्कि सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी है।” उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि मंत्रालय एक समावेशी और संवेदनशील कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महिला कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं

मंत्रालय की महिला कर्मचारियों ने इस नई पहल पर प्रसन्नता और आभार प्रकट किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह पहली बार है जब हमें अपने स्वास्थ्य और मातृत्व की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई ऐसी सुविधा मिली है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त करने वाली पहल है।”

एक अन्य कर्मचारी ने इसे “एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण” कहा जो मातृत्व से लेकर आत्मविकास तक की पूरी यात्रा में सहायक होगा।

भविष्य की योजनाएं और नीति संकेत

सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय इस पहल को केवल यहीं सीमित नहीं रखना चाहता। अन्य मंत्रालयों और सरकारी विभागों को भी ऐसे समावेशी मॉडल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह कार्यस्थल पर महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक स्थायी नीति निर्माण की संभावना को जन्म देता है।

फिट इंडिया‘ से ‘सेंसिटिव इंडिया

‘महिला आरोग्यम कक्ष’ केवल फिटनेस का स्थान नहीं बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक बदलाव का प्रतीक बन गया है। यह पहल दिखाती है कि सरकारी कार्यालय भी संवेदनशील और सशक्त बदलावों के वाहक बन सकते हैं।

महिला आरोग्यम कक्ष की स्थापना विधि कार्य विभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में की गई है। यह स्थान पहले एक अनुपयोगी गैराज के रूप में था, लेकिन अब इसे पूरी तरह से महिलाओं की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पुनः डिज़ाइन किया गया है।

यह कक्ष एक समय पर मात्र एक गैराज था जो लंबे समय से खाली पड़ा हुआ था और किसी उपयोग में नहीं आ रहा था। इस स्थान का पुनः उपयोग करते हुए उसे एक स्वास्थ्य-संवेदनशील केंद्र में बदल देना एक रचनात्मक और समाजोपयोगी निर्णय है।

विधि कार्य विभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में स्थित एक पुराने और अनुपयोगी गैराज को अब एक आधुनिक, समर्पित “महिला आरोग्यम कक्ष” में परिवर्तित कर दिया गया है। यह रूपांतरण महिला कर्मचारियों की समग्र भलाई, शारीरिक फिटनेस, मानसिक शांति और मातृत्व संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अब यह कक्ष केवल एक भौतिक स्थान नहीं, बल्कि महिला सशक्तीकरण, आत्म-देखभाल और कार्य-जीवन संतुलन की एक प्रतीकात्मक पहल बन चुका है।

इस आधुनिक आरोग्यम कक्ष में निम्नलिखित सुविधाएं सम्मिलित की गई हैं:

योग और व्यायाम के लिए ओपन स्पेस
यहां एक खुला और शांत वातावरण तैयार किया गया है जहां महिलाएं नियमित रूप से योगासन, प्राणायाम और हल्के व्यायाम कर सकती हैं। यह स्थान उन्हें शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और मानसिक ताजगी बनाए रखने में मदद करता है।

स्तनपान के लिए समर्पित सुरक्षित क्षेत्र
कामकाजी माताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक सुरक्षित, स्वच्छ और गोपनीय स्तनपान कक्ष की व्यवस्था की गई है। यह कक्ष माताओं को सम्मानजनक और आरामदायक वातावरण में अपने शिशुओं को स्तनपान कराने की सुविधा देता है, जिससे उन्हें कार्यस्थल पर किसी प्रकार की असुविधा न हो।

विश्राम व ध्यान के लिए शांत कोना
कक्ष के एक कोने को ध्यान, विश्राम और मानसिक शांति के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। वहां पर बैठने के लिए आरामदायक कुर्सियां, हल्की संगीत व्यवस्था और सौम्य प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, ताकि महिलाएं कार्यदबाव से कुछ समय दूर रहकर अपने मन को शांत कर सकें।

स्वास्थ्य-जागरूकता से जुड़े संदेश व सजावट
इस कक्ष की दीवारों पर महिला स्वास्थ्य, आत्म-देखभाल, मातृत्व, कार्य-जीवन संतुलन और फिटनेस से संबंधित प्रेरणादायक स्लोगन, चित्र, पोस्टर और सूचना-पट्ट लगाए गए हैं। यह संदेश महिलाओं को हर दिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रखने का कार्य करते हैं।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर स्वस्थ, सशक्त और प्रेरित बनाए रखना है।
यह पहल चार प्रमुख बातों पर केंद्रित है:

महिला स्वास्थ्य – मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर बनाना

फिटनेस – रोज़ाना थोड़ी देर व्यायाम और योग के लिए स्थान

मातृत्व सहयोग – स्तनपान सुविधा देकर नई माताओं की मदद

वर्क-लाइफ बैलेंस – कार्य और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखने का सहयोग

इस आरोग्यम कक्ष का उद्घाटन केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा किया गया।
साथ ही, विधि सचिव डॉ. अंजू राठी राणा ने भी इस अवसर पर भाग लिया और महिलाओं के लिए इस पहल को एक “रोल मॉडल” बताया।

“आत्म-देखभाल = सशक्तीकरण”
यानि, जब महिलाएं खुद का ध्यान रखती हैं, तब वे न सिर्फ खुद को सशक्त करती हैं, बल्कि अपने परिवार, कार्यस्थल और समाज को भी सशक्त बनाती हैं।

यह पहल दो बड़े राष्ट्रीय अभियानों से प्रेरित और जुड़ी हुई है:

हम फिट तो इंडिया फिट – स्वस्थ नागरिकों से ही देश मजबूत होता है।

 

Source :PIB

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